इंदौर का कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय आने वाले साल में इतिहास रच सकता है। यहां पहली बार ऐसा मौका बन रहा है जब एक मेलानिस्टिक टाइगर यानी काले रंग का बाघ जन्म ले सकता है। अगर सबकुछ ठीक रहा, तो मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में यह पहला मौका होगा जब किसी चिड़ियाघर में पूरी तरह ब्लैक टाइगर का जन्म होगा।
यह प्रयोग किसी साइंस फिक्शन कहानी जैसा जरूर लगता है, लेकिन हकीकत यही है कि इंदौर जू में कुछ महीने पहले व्हाइट फीमेल टाइगर और मेलानिस्टिक मेल टाइगर की मेटिंग कराई गई थी। जू प्रशासन और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह प्रयोग सफल रहा है और अब मादा टाइगर के व्यवहार में आए बदलाव से संकेत मिल रहे हैं कि वह गर्भवती हो चुकी है।
जीन डोमिनेंट
डॉ. उत्तम यादव, जो इंदौर जू के प्रभारी हैं, उन्होंने बताया कि इन दोनों टाइगर की मेटिंग सितंबर में हुई थी और मेलानिस्टिक टाइगर का जीन डोमिनेंट होता है। यानी बच्चे में ब्लैक जीन ट्रांसफर होने की संभावना ज्यादा रहती है। उन्होंने यह भी बताया कि टाइगर का गर्भकाल लगभग 300 से 310 दिनों का होता है। इस हिसाब से अगर प्रकृति ने साथ दिया तो 2026 की शुरुआत में इंदौर जू में एक बिल्कुल नए रंग का टाइगर दुनिया के सामने होगा।
गहरी काली धारियां
विशेषज्ञों के अनुसार, मेलानिस्टिक टाइगर की सबसे बड़ी खूबी होती है उसकी गहरी काली धारियां। यह धारियां इतनी मोटी और फैली होती हैं कि पूरा शरीर लगभग काला नजर आता है। ओडिशा के नंदनकानन जू के बाद इंदौर का यह जू देश का दूसरा ऐसा स्थान होगा जहां इस दुर्लभ प्रजाति के बाघ को देखा जा सकेगा। इंदौर जू प्रशासन इस खबर से बेहद उत्साहित है। वहां पहले से ही ब्लैक टाइगर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, लेकिन अगर यह प्रयोग सफल होता है तो यह न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व की बात होगी।
आखिर में यह कहना गलत नहीं होगा कि 2026 की नई सुबह शायद इंदौर के लिए “ब्लैक मैजिक” लेकर आए,जब देश का पहला पूरी तरह काला बाघ दुनिया के सामने दहाड़ लगाएगा।
