इंदौर के एमवाय अस्पताल में मासूम बच्चियों के साथ हुई अमानवीय घटना के बाद आदिवासी संगठन जयस का आंदोलन अब राज्यव्यापी रूप ले चुका है। रविवार दोपहर 2 बजे से इंदौर में जयस द्वारा जनआक्रोश महाआंदोलन की शुरुआत की गई, जिसमें प्रदेशभर से हजारों लोग जुट रहे हैं। संगठन का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
मिल रहा व्यापक समर्थन
जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा ने बताया कि बीते 21 सितम्बर से एमवाय अस्पताल परिसर में शांतिपूर्ण धरना जारी है। लेकिन सरकार और प्रशासन की चुप्पी के कारण अब यह आंदोलन ऐतिहासिक जनसैलाब में बदल गया है। इंदौर समेत अन्य जिलों से लोग बड़ी संख्या में यहाँ पहुँचकर बच्चियों को न्याय दिलाने की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।
प्रमुख मांगें
- एमवाय अस्पताल अधीक्षक और जिम्मेदार अधिकारियों का तत्काल निलंबन।
- लापरवाह अधिकारियों पर गैर-इरादतन हत्या जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मुकदमा चलाया जाए।
- प्रदेशभर के अस्पतालों की बदहाल स्थिति को सुधारकर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई
एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा ने कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि भ्रष्ट तंत्र और लापरवाह स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ है। जब तक डीन, अधीक्षक और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती तथा अस्पतालों की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। आज जनता का आक्रोश साफ दिखाई दे रहा है और यह आवाज़ अब पूरे प्रदेश की आवाज बन चुकी है।
पत्रकारों से की अपील
मुजाल्दा ने मीडिया से भी इस आंदोलन को प्रमुखता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता ने हमेशा जनता की समस्याओं को सामने लाने में भूमिका निभाई है और इस बार भी न्याय की इस लड़ाई में पत्रकारों की उपस्थिति महत्वपूर्ण होगी।