मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर जयस छात्र संगठन आज बड़ा कदम उठाने जा रहा है। संगठन ने ऐलान किया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपकर छात्रों की लंबित छात्रवृत्तियों, छात्रावास भत्ते और बंद शैक्षणिक योजनाओं को लेकर अपनी मांगें रखी जाएंगी। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र टंट्या भील चौराहा से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकालेंगे।
जयस के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से (2022-23, 2023-24 और 2024-25) हजारों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति राशि अब तक नहीं आई है। इसके चलते कई छात्र कॉलेज फीस भरने में असमर्थ हैं और पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गई है। संगठन का आरोप है कि सरकारी योजनाएं तो हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनका लाभ विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा।
मांग
जयस द्वारा ज्ञापन में प्रमुख मांगें रखी गई हैं कि सभी लंबित छात्रवृत्तियों का शीघ्र भुगतान किया जाए, MPTASK पोर्टल पर बंद की गई छात्रावास भत्ता (Hostel Allowance) की प्रक्रिया फिर शुरू की जाए, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए ‘Disability Allowance’ योजना तत्काल लागू की जाए, साथ ही बंद स्टेशनरी योजना को भी पुनः शुरू किया जाए।
अवैध फीस वसूली
इसके अलावा संगठन ने मांग की है कि जब तक छात्रवृत्ति नहीं मिलती, किसी छात्र को परीक्षा में बैठने से वंचित न किया जाए। साथ ही प्राइवेट कॉलेजों द्वारा की जा रही अवैध फीस वसूली पर सख्त कार्रवाई की जाए। जयस ने कहा कि कई कॉलेज प्रशासन छात्रवृत्ति के नाम पर छात्रों से मनमानी वसूली कर रहे हैं और शासन चुप है।
जयस छात्र संगठन के प्रदेश संयोजक ने बताया कि आज का ज्ञापन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की मजबूरी की आवाज़ है। उन्होंने कहा कि तीन साल से छात्र अपने हक का इंतज़ार कर रहे हैं। अगर सरकार ने इस बार भी अनदेखी की, तो जयस प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ेगा।” संगठन ने सभी विद्यार्थियों से अपील की है कि वे इस आंदोलन में जुड़कर अपनी आवाज़ मज़बूती से उठाएं। आज दोपहर 12 बजे इंदौर के टंट्या भील चौराहा से कलेक्टर कार्यालय तक जयस कार्यकर्ता और छात्र एक साथ रैली निकालेंगे।
यह आंदोलन छात्रों के अधिकार, पारदर्शी शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक न्याय की लड़ाई बन चुका है और जयस ने साफ कर दिया है कि अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं।
