इंदौर रेलवे स्टेशन क्षेत्र में शनिवार को क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक युवक को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोपी का नाम चेतन परमार (पुत्र रामप्रसाद परमार) है, जो जय सिंह नगर, देवास का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक चेतन ट्रेनों के ज़रिए शराब बिहार भेजने की फिराक में था।
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया को सूचना मिली थी कि ट्रेनों के जरिए अवैध शराब की तस्करी की जा रही है। इसके बाद टीम ने रेलवे आरक्षण कार्यालय के पास दबिश दी और चेतन को पकड़ा। तलाशी लेने पर उसके पास से तीन ट्रॉली बैग मिले, जिनमें कुल 71 बोतलें शराब रखी थीं। शराब को ऐसे पैक किया गया था कि किसी को संदेह न हो, बिल्कुल पार्सल जैसा लुक दिया गया था।
बिहार चुनाव के लिए जा रही थी शराब
पूछताछ में चेतन ने बताया कि वह बिहार चुनाव के समय वहां शराब पहुंचाने का काम करता था। उसे यह काम छोटी ग्वालटोली क्षेत्र की एक शराब दुकान से मिला था, जहां के एक ठेकेदार ने उसे माल सप्लाई किया था। हर ट्रिप पर उसे 10 हजार रुपए मिलते थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर छोटी ग्वालटोली पुलिस को सौंप दिया है।
ठेकेदारों की संलिप्तता
पुलिस जांच में अब यह साफ होता जा रहा है कि शराब तस्करी का धंधा अकेले लोगों के बस की बात नहीं इसके पीछे पूरा सिंडीकेट काम कर रहा है। पहले भी कई थाना क्षेत्रों में शराब तस्करी के मामले में ठेकेदारों के नाम सामने आ चुके हैं। आजाद नगर में लाखों की शराब पकड़ी गई थी, जिसमें ‘ठाकुर’ नाम के ठेकेदार का नाम आया था। द्वारकापुरी में ‘संतोष’ नामक ठेकेदार से जुड़ी शराब बरामद हुई थी। तिलक नगर में दो युवकों से ऑटो में शराब मिली थी, जो गुजरात भेजी जा रही थी। उस केस में भी अग्रसेन नगर और द्वारकापुरी के ठेकेदारों की भूमिका की जांच हुई थी।
कार्रवाई अभी भी अधूरी
इन सभी मामलों में अब तक किसी भी ठेकेदार के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस का मानना है कि शहर में कुछ शराब ठेकेदारों ने मिलकर एक सिंडीकेट बना रखा है, जो अलग-अलग रूट्स से शराब बाहर भेजने का काम करता है। फिलहाल चेतन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश में है जो इस नेटवर्क के असली सरगना हैं।
