इंदौर | मध्य प्रदेश के इंदौर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने बच्चों के बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग लत और पैरेंट्स की डिजिटल लापरवाही पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर के एमआईजी थाना क्षेत्र के अनुराग नगर में 13 साल के छात्र आकलन जैन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कारण बेहद चौंकाने वाला था। मोबाइल गेम में 2800 रुपए हार जाना और फिर मां से डांट का डर।
तनाव में था बच्चा
टीआई सीबी सिंह के अनुसार, आकलन के पास एक बिना सिम वाला मोबाइल था, जो वाई-फाई से कनेक्ट था। वह मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलता था और उसने अपनी मां का डेबिट कार्ड गेमिंग अकाउंट से लिंक कर दिया था। पैसे हारने के बाद उसने खुद ही मां को इस बात की जानकारी दी थी। डांट पड़ने के डर से वह तनाव में आ गया और गुरुवार रात को घर में फंदे से लटककर अपनी जान दे दी।
दादा को चला पता
घटना की जानकारी सबसे पहले उसके दादा को लगी, जिन्होंने तुरंत आकलन को नीचे उतारा और परिजन उसे लेकर डीएनएस अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को एमवाय अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।
आकलन कक्षा 7 का छात्र था और एक निजी स्कूल में पढ़ता था। उसके पिता अंकेश जैन, शहर के ऑटो पार्ट्स व्यापारी हैं और दो दुकानों के मालिक हैं। परिवार में एक छोटा भाई भी है। घटना के बाद परिवार में मातम पसरा है, और आसपास के लोग भी इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं।
डिजिटल दुनिया में हो रहे गुम
- विशेषज्ञों के मुताबिक, आज के दौर में “डिजिटल संस्कार” देना उतना ही जरूरी हो गया है जितना पारंपरिक शिक्षा।
- 1 साल तक के बच्चों को पूरी तरह स्क्रीन से दूर रखें।
- गेमिंग ऐप्स पर टाइमर और लॉक सेट करें।
- बेडरूम और डाइनिंग एरिया को नो-मोबाइल जोन घोषित करें।
- स्क्रीन टाइम के बीच ब्रेक दिलवाएं और आउटडोर गतिविधियां बढ़ाएं।
- बच्चों को माइंड गेम्स, पजल्स, क्रिएटिव टास्क में व्यस्त रखें।
- बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें, ताकि वे हर डर, गलती या परेशानी आपसे बांट सकें।
