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इंदौर में इंडेक्स ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई, कई दस्तावेज बरामद; 3 डॉक्टर समेत 6 आरोपी गिरफ्तार

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Published On: 27 November 2025

इंदौर में इंडेक्स ग्रुप के मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल पर ईडी ने अचानक छापेमारी शुरू कर दी। टीम सीधे मेडिकल कॉलेज पहुंची और सबसे पहले अकाउंट सेक्शन को सील कर दिया। कार्रवाई को लेकर पूरे कैंपस में हलचल मच गई। जानकारी के अनुसार ईडी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत देशभर के 15 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी है। छापेमारी की चर्चा के बीच इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश भदौरिया के घर और दफ्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे कई तरह की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि ईडी अधिकारियों ने फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

5 महीने पहले CBI ने मारी थी रेड

यह मामला नया नहीं है। करीब 5 महीने पहले CBI ने कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से ज्यादा स्थानों पर छापे मारे थे। उस कार्रवाई में कई जरूरी दस्तावेज, कंप्यूटर डेटा और मोबाइल रिकॉर्ड जब्त किए गए थे। CBI के मुताबिक शुरुआती जांच में यह साफ हुआ कि मेडिकल कॉलेजों की निरीक्षण प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए कई तरह की तरकीबें अपनाई जा रही थीं।

3 डॉक्टर समेत 6 आरोपी गिरफ्तार

CBI ने मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रिपोर्ट को अनुकूल बनाने के आरोप में 3 डॉक्टरों समेत कुल 6 लोगों को पकड़ा था। इस पूरे स्कैम के तार छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज से भी जुड़े मिले थे। आरोप है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की टीम ने इस कॉलेज के पक्ष में रिपोर्ट देने के बदले हवाला के जरिए 55 लाख रुपए लिए थे।जांच में यह भी सामने आया है कि मान्यता दिलाने के नाम पर सिर्फ लाखों नहीं, बल्कि 2 से 3 करोड़ रुपए तक की डील तय होती थी। इस रकम को हवाला चैनल के माध्यम से भेजा जाता था। मामले में रावतपुरा सरकार के प्रमुख रविशंकर महाराज को मुख्य आरोपी माना जा रहा है।

रिश्तों का फायदा उठाया गया

सूत्रों के अनुसार सुरेश भदौरिया और रावतपुरा के बीच पुराने संबंध थे। इन संबंधों का फायदा उठाकर मेडिकल कॉलेजों की मान्यता दिलाने का खेल वर्षों तक चलता रहा। बताया जाता है कि भदौरिया ने सिस्टम में मजबूत पकड़ बना ली थी और इसी नेटवर्क के जरिए कॉलेजों से मोटी राशि वसूल की जाती थी। इस कार्रवाई को CBI की पुरानी जांच से जोड़कर देखा जा रहा है। ईडी अब यह पता लगाने में जुटी है कि मान्यता दिलाने के बदले कितनी राशि ली गई, कहां भेजी गई और इसमें कौन-कौन शामिल था। इंदौर सहित कई शहरों में रेड जारी रहने से मेडिकल सेक्टर में हड़कंप मचा हुआ है।

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