इंदौर की मशहूर सराफा चौपाटी को लेकर फिर से मामला अटक गया है। श्राद्धपक्ष खत्म होने के बाद इस पर चर्चा तय थी, लेकिन अब तक कोई बैठक नहीं हो पाई है। इससे सराफा व्यापारी एसोसिएशन के बीच नाराज़गी बढ़ती जा रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी ने इस बारे में महापौर पुष्यमित्र भार्गव से बात की है और जल्द मीटिंग बुलाने की मांग रखी है।महापौर ने भरोसा दिया है कि त्योहारों के बाद इस विषय पर बैठक जरूर होगी, लेकिन व्यापारी अब और देर नहीं चाहते। उनका कहना है कि बार-बार वादे तो हो रहे हैं, लेकिन कोई ठोस फैसला सामने नहीं आ रहा।
क्यों शुरू हुआ था विवाद
दरअसल, इंदौर के सराफा बाजार में रात को लगने वाली सराफा चौपाटी लंबे समय से विवादों में है। यहां पर खाने-पीने की दुकानें देर रात तक चलती हैं, जिससे व्यापारियों को दिक्कत होती है। भीड़ और गंदगी की वजह से कई बार ग्राहकों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। इसी कारण इंदौर चांदी-सोना-जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन ने चौपाटी को शिफ्ट करने की मांग उठाई थी। उन्होंने इस मुद्दे पर मौन प्रदर्शन भी किया था और कई बार प्रशासन से बातचीत की।
पहले हुई थी मीटिंग
इससे पहले महापौर पुष्यमित्र भार्गव और एमआईसी मेंबर निरंजन सिंह चौहान के साथ व्यापारियों की बैठक हुई थी। उस समय व्यापारियों ने अपनी समस्याएं रखीं और चौपाटी को व्यवस्थित तरीके से लगाने के सुझाव दिए थे।
बैठक में यह तय हुआ था कि श्राद्धपक्ष के बाद फिर से चर्चा होगी और एक स्थायी समाधान निकाला जाएगा। इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी। लेकिन अब तक उस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ा है।
बोले-अब मैदान में उतरेंगे
अब जब बैठक लगातार टलती जा रही है, तो सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारी खुलकर भले कुछ नहीं कह रहे, लेकिन अंदर ही अंदर नाराज़ हैं। कई व्यापारी दबी जुबान में कह रहे हैं कि अगर जल्द कोई निर्णय नहीं हुआ, तो वे दोबारा आंदोलन करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, एसोसिएशन फिर से सामूहिक कदम उठाने की तैयारी में है। कुछ सदस्यों का कहना है कि वे एक बार फिर “मैदान संभालने” को तैयार हैं, ताकि उनकी आवाज़ प्रशासन तक पहुंच सके।
महापौर को भेजी जा चुकी है रिपोर्ट
एमआईसी मेंबर निरंजन सिंह चौहान खुद कई दिनों तक सराफा चौपाटी का निरीक्षण कर चुके हैं। उन्होंने वहां की स्थिति की पूरी रिपोर्ट महापौर को सौंप दी है। अब देखना यह है कि त्योहारों के बाद होने वाली बैठक में क्या सराफा व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिरता है या कोई ठोस फैसला निकलता है।
