इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (MGM) में रैगिंग का एक और गंभीर मामला सामने आया है। MBBS प्रथम वर्ष के छात्रों ने UGC नेशनल एंटी-रैगिंग सेल में शिकायत देकर बताया कि 2024 बैच के सीनियर्स ने उन्हें फ्लैट पर बुलाकर मारपीट की, गालियां दीं, शराब और सिगरेट पीने के लिए मजबूर किया और करीब तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा। शिकायत सामने आते ही कॉलेज प्रशासन ने जांच बैठाई और चार सीनियर छात्रों को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। फ्रेशर्स की शिकायत 18 नवंबर को UGC तक पहुंची थी। अगला ही दिन यानी 19 नवंबर को पूरा मामला MGM कॉलेज तक पहुंच गया।
20 नवंबर को एंटी-रैगिंग सेल की बैठक हुई, जिसमें कॉलेज प्रबंधन से पूछा गया कि लगातार बढ़ते मामलों के बावजूद कैंपस में रैगिंग कैसे फैल रही है। यह वही कॉलेज है जो पिछले दो साल से रैगिंग विवादों में लगातार घिरा हुआ है और जहां हर कुछ महीनों में नए आरोप सामने आ रहे हैं।
धमकाया
छात्रों का कहना है कि उन्हें एक निजी फ्लैट पर बुलाया गया था। वहां पहुंचते ही सीनियर्स ने गाली-गलौज और धक्का-मुक्की शुरू कर दी। उन्हें जबरन शराब-सिगरेट पकड़ा दी गई और मना करने पर धमकाया गया। आरोप है कि एक जूनियर छात्र ने ही सीनियर्स का संदेश पहुंचाकर उन्हें इस फ्लैट तक बुलाया, जिससे वे फंस गए। घटना के बाद से पीड़ित छात्र लगातार तनाव में हैं और कैंपस तथा हॉस्टल में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। शिकायत के बाद UGC एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन ने नोटिस जारी करते हुए कॉलेज को पीड़ित छात्रों की पहचान की सुरक्षा, काउंसलिंग और विस्तृत जांच रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
पहली घटना नहीं
यह मामला कोई पहली घटना नहीं है। कुछ ही सप्ताह पहले प्रसूति विभाग की एक PG डॉक्टर ने सीनियर रेजिडेंट्स पर मानसिक प्रताड़ना, झूठे आरोप और अतिरिक्त नाइट ड्यूटी कराने के आरोप लगाए थे, जिससे उनका वजन 22 किलो तक कम हो गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
दिसंबर 2024 में 11 छात्रों को रैगिंग में दोषी पाए जाने पर तीन महीने के लिए निलंबित किया गया था और कई को पुलिस ने IPC की धाराओं में गिरफ्तार भी किया था। इसके बावजूद UG छात्रों की शिकायतें अक्सर दबा दी जाती रहीं, क्योंकि अधिकतर छात्र retaliation के डर से खुलकर बोल नहीं पाते। फ्रेशर्स ने शिकायत में लिखा है, “हम डरे हुए हैं, क्लास और हॉस्टल में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे। कृपया हमें सुरक्षा दी जाए और कार्रवाई की जाए।”
