इंदौर के एमवाय अस्पताल में हाल ही में नवजात बच्चों की मौत के मामले में चूहों के हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। अब अस्पताल प्रशासन NICU और PICU यूनिटों को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
हाई कोर्ट ने हाल ही में चूहा कांड पर संज्ञान लिया और अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजी। टीम ने NICU और PICU की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि ये यूनिट नवजात बच्चों से जुड़ी हैं, इसलिए इन्हें पूरी तरह सुरक्षित बनाना आवश्यक है। टीम ने सुझाव दिया कि इन यूनिटों को किसी ऐसे सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया जाए, जहां चूहों की समस्या न हो।
रिपोर्ट और निरीक्षण
हाई कोर्ट में शासन ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें NICU और PICU की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गईं। रिपोर्ट में पूरे अस्पताल, खासकर नवजात और बाल रोग यूनिटों की स्थिति का विस्तृत विवरण दिया गया। इसके बाद एमवाय अस्पताल की डॉक्टरों की टीम ने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का दौरा किया। टीम ने अलग-अलग फ्लोर और वार्डों का निरीक्षण किया और यह तय किया कि किन स्थानों में इन यूनिटों को सुरक्षित रूप से शिफ्ट किया जा सकता है।
तकनीकी तैयारी
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में यूनिटों को शिफ्ट करने में तकनीकी दिक्कतें कम हैं। हालांकि, वर्तमान में वहां स्टाफ की कमी है। ऐसे में एमवाय अस्पताल के NICU और PICU स्टाफ को भी शिफ्ट किया जा सकता है। स्टाफ के साथ-साथ आवश्यक मेडिकल उपकरण और आपूर्ति को भी नई जगह पर ले जाने की योजना बनाई जा रही है।
एमवाय अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि नवजात बच्चों के लिए पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। चूहा कांड के बाद प्रशासन ने अस्पताल परिसर में सफाई, कीट नियंत्रण और निगरानी व्यवस्था को बढ़ाया है। NICU और PICU का शिफ्ट होना बच्चों के जीवन की सुरक्षा और अस्पताल की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए अहम कदम माना जा रहा है।