अगर आपको शहर की ट्रैफिक जाम की समस्या देखकर गुस्सा आता है, तो अब सिर्फ शिकायत करने की बजाय कुछ करने का मौका भी मिल रहा है। इंदौर पुलिस ने एक अनोखी पहल शुरू की है “ट्रैफिक प्रहरी अभियान”, जिसके तहत आम लोग खुद ट्रैफिक संभालने में पुलिस की मदद कर सकते हैं। इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने इसके लिए एक क्यूआर कोड जारी किया है। इस कोड को स्कैन करते ही आपके मोबाइल पर एक गूगल फॉर्म खुलेगा। इसमें आपको अपना नाम, पिता का नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर और जिस दिन-समय पर आप ट्रैफिक संभालने की सेवा देना चाहते हैं, वो भरना होगा।
आप सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक अपनी सुविधा के हिसाब से समय चुन सकते हैं। साथ ही यह भी बताना होगा कि आप शहर के किस चौराहे पर सेवा देना चाहते हैं। अगर आप किसी स्कूल, कॉलेज या संस्था से जुड़े हैं, तो उसकी जानकारी भी फॉर्म में दे सकते हैं।
पुलिस देगी सिटी
ट्रैफिक प्रहरी बनने वाले लोगों को पुलिस की ओर से सिटी (सीटी), लाइट बेटन, जैकेट और पहचान बैज दिए जाएंगे। ताकि लोग आसानी से पहचान सकें कि ये ट्रैफिक प्रहरी पुलिस की मदद कर रहे हैं। हर चौराहे के लिए एक कोऑर्डिनेटर अधिकारी भी होगा, जो नए प्रहरियों को बताएगा कि ट्रैफिक कैसे संभालना है और किन बातों का ध्यान रखना है। शहर के करीब 30 चौराहों पर ये कोऑर्डिनेटर तैनात किए गए हैं।
मिलेगा सम्मान
जो ट्रैफिक प्रहरी बेहतरीन काम करेंगे, उन्हें पुलिस विभाग साप्ताहिक या मासिक कार्यक्रमों में सम्मानित करेगा, यानी अच्छा काम सिर्फ ताली नहीं, पहचान भी दिलाएगा। एडिशनल डीसीपी आनंद कलादगी का कहना है कि इसका मकसद “आपका समय, आपका सहयोग, आपका चौराहा” है, यानी शहर के ट्रैफिक को संभालना सिर्फ पुलिस नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
क्या कर पाएंगे ट्रैफिक प्रहरी?
ये प्रहरी त्योहारों, आयोजनों या भीड़भाड़ वाले दिनों में ट्रैफिक को सुचारू रखने में पुलिस की मदद करेंगे। साथ ही, ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की जानकारी भी दे सकेंगे और दुर्घटनाओं या इमरजेंसी में तुरंत सूचना पहुंचा सकेंगे।
