एम.वाय. हॉस्पिटल में चूहों के काटने से मासूम बच्चियों की दर्दनाक मौत के खिलाफ जारी जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) का महाजन आक्रोश आंदोलन जिला प्रशासन के आग्रह पर 6 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया गया है। बीते आठ दिनों से हॉस्पिटल गेट पर डटे कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और बड़े स्तर पर शुरू किया जाएगा।
जिला प्रशासन की पहल पर एडीएम रोशन राय ने जयस प्रतिनिधियों से मुलाकात की और सरकार को कार्रवाई के लिए समय देने का आग्रह किया। त्यौहारों को देखते हुए जयस ने कार्यकर्ताओं को समझाकर आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया, लेकिन स्पष्ट कर दिया कि यह केवल आंशिक रोक है।
आंदोलन की प्रमुख मांगें
- डीन और अधीक्षक का निलंबन
- जिम्मेदार अधिकारियों पर गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा
- पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा
- प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार
सड़कों पर दिखा आक्रोश
आज महाजन आक्रोश आंदोलन के आह्वान पर प्रदेशभर से हजारों कार्यकर्ता इंदौर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने एम.वाय. हॉस्पिटल से कलेक्टर ऑफिस तक रैली निकाली और अर्धनग्न होकर विरोध जताया। इसके बाद एडीएम से चर्चा कर दोबारा रैली अस्पताल परिसर में लाई गई। आंदोलन को सर्व समाज से भी समर्थन मिला और यह व्यापक जनआक्रोश का रूप ले चुका।
तेज होगा आंदोलन
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा ने कहा कि यदि 6 अक्टूबर तक सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन फिर से अनिश्चितकालीन रूप में एम.वाय. हॉस्पिटल से शुरू होगा। साथ ही मासूम बच्चियों की दफन की मिट्टी गांव-गांव ले जाकर आक्रोश की लहर पूरे प्रदेश में फैलाने का ऐलान किया गया है। जयस ने आरोप लगाया कि सरकार मासूमों की मौत पर भी आंख मूंदकर बैठी है और दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटी है। संस्था का कहना है कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय और दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक आंदोलन थमेगा नहीं।