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लॉन्च के दूसरे दिन ही खाली पड़ी ‘पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा’, यात्रियों ने रुचि क्यों नहीं दिखाई?

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Published On: 22 November 2025

मध्य प्रदेश में धूमधाम से शुरू की गई पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा दूसरे ही दिन लड़खड़ा गई। उज्जैन और ओंकारेश्वर रूट पर इसका शुभारंभ हुआ था, लेकिन शुक्रवार को स्थिति बिल्कुल उलट दिखी छह की छह सीटें पूरी तरह खाली थीं। जो सेवा तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए तेज विकल्प के तौर पर लॉन्च की गई थी, उसे पहले ही 48 घंटे में यात्री नहीं मिले। हैरानी की बात ये है कि आने वाले तीन दिनों की बुकिंग भी लगभग खाली है। कंपनी के अधिकारी रोहित कुमार सिंह ने माना कि लॉन्च के पहले कुछ दिनों में उम्मीद के मुताबिक रिस्पॉन्स नहीं मिला। इसके बीच कंपनी वेबसाइट पर बुकिंग बंद होने की वजह भी सामने आई। अधिकारियों का कहना है कि टेक्निकल दिक्कत के कारण बुकिंग रुक गई थी, जिसे अब ठीक कर दिया गया और शनिवार दोबारा बुकिंग शुरू की गई।

सबसे बड़ा सवाल किराए और वजन वाले नियमों को लेकर उठ रहा है। इस सेवा का संचालन करने वाली एविएशन कंपनी ने साफ कहा है कि 80 किलो से ज्यादा वजन होने पर हर किलो के हिसाब से 150 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। यानी अगर किसी यात्री का वजन 90 किलो है तो उसे 5,000 रुपये वाले टिकट पर 1,500 रुपये और चुकाने होंगे। ऐसे में एक टिकट की कीमत साढ़े 6 हजार तक पहुंच जाती है और अगर वजन 100 किलो से ऊपर गया तो दो सीटों का किराया मतलब सीधा 10 हजार रुपये।

सरकार पर सवाल

कई यात्रियों ने इसे ‘अनुचित’ और ‘बेहद महंगा’ बताया है। कांग्रेस भी पहले ही किराए को लेकर सरकार पर सवाल उठा चुकी है। ट्रैवल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंदौर से उज्जैन या ओंकारेश्वर जैसे नजदीकी रूट पर सड़क और रेल बेहद सस्ते विकल्प हैं। 5,000 से 6,500 रुपये वाले किराए में कई लोग कार बुक करके पूरा दिन घूम आते हैं। ऐसे में हेली सेवा का आकर्षण कम होना स्वाभाविक है। पिछले साल इसी रूट पर एयर टैक्सी भी यात्रियों की कमी के कारण बंद हो चुकी है। यह भी लोगों के मन में संदेह पैदा कर रहा है।

बुकिंग बढ़ने की उम्मीद

हालांकि, प्रशासन और कंपनी इस पूरी स्थिति को सामान्य बता रहे हैं। उनका कहना है कि सेवा नई है, लोग धीरे-धीरे इसकी जानकारी लेंगे। आने वाले दिनों में बुकिंग बढ़ने की उम्मीद है। पर्यटन विभाग भी रूट विस्तार और प्रमोशन बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। अब देखना ये होगा कि भारी किराए और वजन शुल्क जैसे नियमों के बीच पीएम श्री हेली सेवा कब तक उड़ान भर पाती है या फिर यह भी पिछले प्रयोगों की तरह जल्दी ठंडी पड़ जाएगी।

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