इंदौर | मध्य प्रदेश के इंदौर रेलवे स्टेशन के रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत मंगलवार को सांसद शंकर लालवानी की मौजूदगी में हुई। स्टेशन परिसर में मशीन पूजन के साथ पहले चरण का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। शुरुआत पार्सल ऑफिस की तय जगह से हुई है, जिसे 1.5 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। यह 495 करोड़ रुपये की लागत वाला प्रोजेक्ट वर्ष 2027 तक पूरा किया जाएगा।
सांसद लालवानी ने मौके पर मौजूद निर्माण एजेंसियों और रेलवे अधिकारियों से प्रगति की जानकारी ली और कहा कि यह सिर्फ एक निर्माण नहीं, बल्कि इंदौर की आने वाले 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई ऐतिहासिक परियोजना है। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्धारित समयसीमा में गुणवत्ता के साथ कार्य पूरा किया जाए।
यात्रियों के लिए सुविधाएं रहेंगी चालू
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य के दौरान रेल सेवाएं पूर्ववत जारी रहेंगी। टिकटिंग, प्लेटफॉर्म संचालन और यात्रियों की सुविधा-सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा। हालांकि कुछ ट्रेनों को महू या लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन से अस्थायी रूप से संचालित किया जा सकता है।
जरूरतों को ध्यान में रखकर होगा निर्माण
प्रोजेक्ट के तहत, स्टेशन पर दोनों ओर नई टर्मिनल बिल्डिंग, सात मंजिला मुख्य भवन, फुट ओवरब्रिज, 26 लिफ्ट, 17 एसकेलेटर, वेटिंग एरिया, टिकट काउंटर, सर्कुलेटिंग एरिया और प्लेटफॉर्म की लाइनें सीधी करने जैसे कार्य शामिल हैं। यह स्टेशन बनकर तैयार होने के बाद एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें रूफ प्लाजा, एग्जीक्यूटिव लाउंज, हाईटेक ड्रेनेज सिस्टम, और वाई-फाई जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
सिंहस्थ से पहले पूरा करने की कोशिश
रेलवे का प्रयास है कि यह स्टेशन 2028 के सिंहस्थ महाकुंभ से पहले तैयार हो जाए, ताकि देशभर से उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिल सके। इंदौर इस महाकुंभ का प्रमुख स्टेशन रहेगा, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि वर्तमान रफ्तार से प्रोजेक्ट का पूरा होना मुश्किल है। विशेषज्ञों ने चेताया कि अगर स्टेशन समय पर तैयार नहीं हुआ तो सारा दबाव लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर आ जाएगा, जिससे भीड़ प्रबंधन चुनौती बन सकता है।
