इंदौर | सड़क दुर्घटनाओं में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए MP श्रम विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। श्रमायुक्त कार्यालय, इंदौर में शुक्रवार को मोटर ट्रांसपोर्ट नियोजकों की कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य परिवहन क्षेत्र में काम करने वाले चालकों, कंडक्टरों और क्लीनरों के कार्यघंटों को नियमित कर सड़क सुरक्षा करना है। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहीं श्रमायुक्त रजनी सिंह ने बताया कि मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम 1961 के अनुसार, ड्राइवरों को प्रतिदिन अधिकतम 8 घंटे और सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे तक ही कार्य करने की अनुमति है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लगातार लम्बे समय तक वाहन चलाने से थकावट और तनाव बढ़ता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
तकनीकी निगरानी पर जोर
इस दौरान सिंह ने ड्राइवरों के नियमित स्वास्थ्य और नेत्र परीक्षण को अनिवार्य बनाने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि वाहनों में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस सिस्टम और अन्य स्मार्ट तकनीकें लगाई जाएं, ताकि न केवल ड्राइवर की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके बल्कि किसी भी अनियमितता को समय रहते पकड़ा जा सके। अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (AICTSL) के अधिकारी श्री अभिनव चौहान ने बताया कि उनकी संस्था जल्द ही ड्राइवर और पैसेंजर मैनेजमेंट सिस्टम लागू करेगी, जिससे दुर्घटनाओं की रोकथाम में मदद मिलेगी। कार्यशाला में इस सिस्टम की एक प्रस्तुति भी दी गई।
सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए श्रम विभाग की पहल
• मोटर ट्रांसपोर्ट नियोजकों की कार्यशाला का सम्पन्न
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उपस्थित रहे कई प्रमुख अधिकारी
इस मौके पर ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी श्रम विभाग के प्रयासों की सराहना की और अधिनियम के अनुपालन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यशाला में श्रम विभाग से प्रभात दुबे, आशीष पालीवाल, जिला परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा, प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के गोविंद शर्मा, इंदौर ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सी. एल. मुकाती सहित कई ट्रांसपोर्टर उपस्थित रहे।
