इंदौर के शीतला माता मंदिर इलाके में धर्म विशेष के कर्मचारियों को दुकानों से हटाए जाने और दुकानों को खाली कराने को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई है। इस घटनाक्रम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और स्थानीय नेताओं के बीच मतभेद उभर आए हैं। शनिवार को दिग्विजय सिंह हटाए गए कर्मचारियों से मुलाकात के लिए शीतला माता मंदिर इलाके पहुंचे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। मौके पर उनके आने का विरोध भी देखने को मिला। दिग्विजय सिंह ने इस दौरान कहा कि वे केवल पीड़ितों से मिलने और हालात जानने पहुंचे थे।
चिंटू चौकसे की नाराजगी
दिग्विजय सिंह के दौरे पर इंदौर कांग्रेस के शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने नाराजगी जताई। रविवार को जिला स्तरीय समन्वय बैठक में उन्होंने कहा कि “भोपाल और बाहर से नेता आते हैं और बिना सूचना दिए आयोजन कर लेते हैं।” चौकसे के इस बयान ने पार्टी में हलचल मचा दी। जब इस पर उनका पक्ष लिया गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह “बैठक का आंतरिक मामला था, जिसे बाहर नहीं आना चाहिए था। अब यह मुद्दा खत्म हो चुका है।”
वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रिया
शहर अध्यक्ष के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री हैं, राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी के बड़े पदों पर रहे हैं। उन्हें इंदौर में रोका जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। शर्मा ने आरोप लगाया कि समाज में विभाजन की कोशिशें हो रही हैं और दिग्विजय सिंह इन्हीं प्रयासों का विरोध करने पहुंचे थे।
वहीं, कांग्रेस संगठन प्रभारी संजय कामले ने कहा कि बड़े नेताओं के कार्यक्रमों के समन्वय की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष की होती है। यदि कार्यक्रम की सूचना पहले न भी मिले तो जिलाध्यक्ष को नेताओं का स्वागत और सहयोग करना चाहिए।
जीतू पटवारी और अरुण यादव की टिप्पणी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि कर्मचारियों को हटाने के विरोध में मैं खुद भी गया था, दिग्विजय सिंह भी गए थे। कांग्रेस और संविधान की नीति स्पष्ट संविधान द्वारा दिए अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने प्रशासन पर बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि ऐसे अधिकारी भविष्य में जवाबदेह होंगे।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने भी सोशल मीडिया पर बिना नाम लिए प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि “पार्टी और विचारधारा की लड़ाई केवल बयानों से नहीं जीती जा सकती। सभी को साथ लेकर संघर्ष करना ही प्रदेश में कांग्रेस की वापसी का रास्ता खोलेगा।”