इंदौर-उज्जैन हाईवे पर 18 सितंबर को हुई भयावह दुर्घटना को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर तत्काल और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। हादसे में बाइक सवार दंपती और उनके दो मासूम बच्चों की मौत हुई थी। कांग्रेस का आरोप है कि दुर्घटना की मुख्य वजह बस माफिया और राजनीतिक संरक्षण है।
पत्र में कहा गया है कि जिस बस ने 4 निर्दोषों की जान ली, वह इंदौर विधानसभा क्रमांक 3 के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के कार्यालय से संचालित होती थी। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि यदि बस उनके कार्यालय से संचालित है, तो विधायक की जवाबदेही क्यों तय नहीं की जा रही। इसके साथ ही अन्य पिछले हादसों का जिक्र करते हुए कहा गया कि इंदौर–उज्जैन हाईवे पर लगातार जानलेवा दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें कई मौतें और गंभीर घायल हुए।
कार्रवाई और सुरक्षा उपाय
जीतू पटवारी ने स्पष्ट मांग की कि विधायक गोलू शुक्ला की जवाबदेही तय की जाए, बस के परमिट और संचालन दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं, ड्राइवर और हेल्पर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो और उनके कॉल रिकॉर्ड की जांच हो। इसके अलावा, इंदौर और उज्जैन में बस माफिया पर नकेल कसने तथा हाईवे पर स्पीड कैमरा, कंट्रोल रूम और सुरक्षा बैरियर लगाने की मांग भी की गई।
परिवारों के लिए मुआवजा
पत्र में कहा गया कि मृतकों के परिवारों को कम से कम 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और बच्चों की शिक्षा एवं परिवार की देखभाल राज्य सरकार सुनिश्चित करे। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर 72 घंटे के भीतर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होगी।
हाईवे की हालात की गंभीरता
कांग्रेस का आरोप है कि इंदौर-उज्जैन हाईवे पर लगातार दुर्घटनाएं केवल संयोग नहीं, बल्कि सत्ता और माफिया की मिलीभगत के कारण हुई हैं। पार्टी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या उनके संरक्षण में सड़कों को मौत का हाईवे बनने दिया जाएगा या अब जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।