इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन ने 28 सितंबर से एक नया स्वदेशी वस्त्र अभियान शुरू करने की घोषणा की है। इस अभियान के तहत शहर की 5 हजार दुकानों, फैक्ट्रियों और ट्रेडिंग आउटलेट्स पर “स्वदेशी तैयार वस्त्र ही बेचते हैं” के बोर्ड लगाए जाएंगे। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं और व्यापारियों को यह संदेश देना है कि इंदौर के व्यापारी भारत में बनी वस्तुओं को प्राथमिकता देंगे और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेंगे।
अभियान की पृष्ठभूमि
एसोसिएशन पिछले कुछ महीनों से चीन और बांग्लादेशी कपड़ों के बहिष्कार पर केंद्रित रहा है। 20 मई से ऑपरेशन सिंदूर के तहत विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया गया था। इस दौरान दुकानों पर तख्तियां चस्पा की गईं और विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर शपथ ली गई थी। इस कदम से स्थानीय रेडिमेड फैक्ट्रियों ने भी स्वदेशी वस्त्रों का इस्तेमाल शुरू किया।
एसोसिएशन अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि आगामी त्योहारों को देखते हुए यह नया अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा, “हम भारत से प्यार करते हैं, हम स्वदेशी वस्त्र ही बेचना चाहते हैं और देश के उद्योग को बढ़ावा देना चाहते हैं।”
अभियान का कार्य विस्तार
अभियान के तहत रेडिमेड की सभी दुकानों, 700 ट्रेडिंग आउटलेट्स और लगभग 2 हजार फैक्ट्रियों में बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके अलावा, इंदौर से बाहर माल भेजने वाली फैक्ट्रियों के साथ भी बोर्ड भेजे जाएंगे, ताकि उनके व्यापारिक सहयोगी भी इन्हें अपने आउटलेट्स में लगा सकें।
साथ ही इस अभियान की शुरुआत के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला और कई व्यापारी शामिल होंगे।
उद्देश्य और महत्व
अक्षय जैन ने बताया कि अभियान का मूल उद्देश्य है कि भारत के बने वस्त्रों से पहचान बनाई जाए और विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम हो। उन्होंने कहा कि जब लोग विदेशी वस्तुएं खरीदते हैं, तो हमारे पैसे विदेशी ताकतों के पास जाते हैं। इसलिए स्थानीय उत्पादकों और कारीगरों को बढ़ावा देना जरूरी है।
इस अभियान से इंदौर के ट्रेडिंग, मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल आउटलेट्स में स्वदेशी वस्त्रों की बिक्री बढ़ेगी और देश के उद्योग को मजबूती मिलेगी। यह कदम आत्मनिर्भर भारत और स्थानीय व्यापार संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।