,

45 लाख का डिजिटल धोखा, जबलपुर के बुजुर्ग को DCP बनकर फंसाया; 24 घंटे तक मोबाइल कैमरे के जरिए बंधक बना रहा ठग

Author Picture
Published On: 20 July 2025

जबलपुर | मध्य प्रदेश के जबलपुर के चेरीताल इलाके में रहने वाले 70 वर्षीय वीके कपूर एक आम सुबह की तरह अखबार पढ़ रहे थे, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि कुछ ही मिनटों में उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी धोखाधड़ी होने वाली है। वॉट्सऐप पर आए एक वीडियो कॉल ने उन्हें 24 घंटे तक डिजिटल कैद में डाल दिया और उनकी मेहनत की कमाई के 45 लाख रुपए ठग लिए गए।

कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का DCP विजय खन्ना बताया और कहा कि कपूर पर मनी लॉन्ड्रिंग की FIR दर्ज है। वर्दी पहने कॉलर ने बुजुर्ग को धमकाया कि यदि उन्होंने किसी से भी संपर्क किया तो जेल में उम्र भर सड़ना पड़ेगा। डर के साए में बुजुर्ग वह सब करते गए, जो उनसे कहा गया।

ऐसे की ठगी

ठग ने बुजुर्ग को एक कमरे में बंद होकर बैठने को कहा और यह भी हिदायत दी कि मोबाइल का कैमरा लगातार ऑन रहे। इस दौरान लगातार धमकियां मिलती रहीं, “तुम्हारे मोबाइल से अश्लील कॉल और मैसेज किए गए हैं, तुम्हारे बैंक खाते का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है, पुलिस कभी भी पहुंच सकती है।”

बेटे को बताई पूरी कहानी

इतना ही नहीं, ठग ने दोपहर होते-होते बुजुर्ग को बैंक भेजा, जहां उन्होंने यश बैंक के जरिए 45 लाख रुपये एक कोलकाता स्थित खाते में ट्रांसफर कर दिए। पैसे जाने के बाद भी बुजुर्ग को रातभर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा गया। अगली सुबह जब कॉल बंद हुई, तब बुजुर्ग ने बेंगलुरु में रह रहे बेटे को फोन कर पूरी कहानी बताई। बेटे ने तुरंत समझा कि यह साइबर फ्रॉड है और स्टेट साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई गई।

साइबर विशेषज्ञों ने दी जानकारी

ये पहली बार नहीं है जब डिजिटल अरेस्ट की घटना हुई हो। जनवरी 2025 में जबलपुर के ही रांझी क्षेत्र में एक बुजुर्ग दंपती से 56 लाख और एक अन्य महिला से 35 लाख रुपये ठगे गए थे। दिसंबर 2024 में भी 12 लाख की ठगी सामने आई थी। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि अनजान इंटरनेशनल या वीडियो कॉल उठाने से बचना चाहिए। और यदि कोई खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर धमकाए, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। देर करने पर न पैसा बचेगा, न भरोसा।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp