जबलपुर | भारतीय सेना में 19 साल तक नौकरी करने वाले रिटायर्ड जवान राजेश कुमार राजभर ने अपने सैन्य अनुभव और पहचान का गलत फायदा उठाते हुए लोगों को फौज व अन्य सैन्य संस्थानों में भर्ती कराने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की। मूल रूप से लखनऊ (उत्तर प्रदेश) निवासी राजेश कुमार ने 1997 में सेना ज्वाइन की थी और देशभर में विभिन्न पोस्टिंग के बाद 2013 में जबलपुर के मिलिट्री अस्पताल में तैनात हुआ। 2016 में नायक पद से रिटायर होने के बाद उसने नौकरी की तलाश में युवाओं को निशाना बनाना शुरू किया।
हेड क्वार्टर एरिया जबलपुर, मिलिट्री अस्पताल और 506 वर्कशॉप जैसे सैन्य संस्थानों में भर्ती कराने के नाम पर वह लाखों रुपए वसूलकर फर्जी नियुक्ति पत्र देता था।
9 साल में 4 करोड़ की ठगी
पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस की जांच में सामने आया कि 9 साल में राजेश ने 50 से ज्यादा लोगों से कुल मिलाकर 4 करोड़ रुपए से अधिक की रकम वसूली। कई मामलों में पूरा परिवार इस फर्जीवाड़े में शामिल था। गुरुवार देर रात सेना पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर रांझी पुलिस के हवाले किया। पुलिस ने 3 दिन की रिमांड ली है।
बर्तन व्यापारी से हुआ खुलासा
अगस्त 2024 में रांझी के बर्तन व्यापारी रोहित गुप्ता की मुलाकात रोशन नाम के व्यक्ति के जरिए राजेश से हुई। खुद को रिटायर्ड सैनिक और बड़े अफसरों का करीबी बताकर उसने रोहित को विश्वास में लिया।
राजेश ने रोहित की पत्नी को मिलिट्री अस्पताल में वार्ड सहायिका के पद पर नौकरी दिलाने का वादा किया और 6.35 लाख रुपए ले लिए। इसके अलावा, रोहित के अन्य 8 परिचितों से भी मिलवाकर कुल 50 लाख से ज्यादा वसूले।
मेस के पास चस्पा की फर्जी लिस्ट
राजेश की पहचान मिलिट्री अस्पताल के गेट पर तैनात जवानों से थी। उसने इस भरोसे का इस्तेमाल करते हुए पीड़ितों को सैन्य मेस हाउस पर ले जाकर अफसरों को दूर से दिखाया और भरोसा दिलाया कि इन्हीं के जरिए नौकरी लगेगी। इतना ही नहीं, उसने मेस के पास एक खंभे पर 9 लोगों के नाम की फर्जी ज्वाइनिंग लिस्ट चिपका दी और बताया कि अब लखनऊ हेड ऑफिस में मेडिकल टेस्ट होगा। अगस्त 2024 में रोहित गुप्ता के घर समेत सभी 9 लोगों को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेजकर मिलिट्री अस्पताल के पास आने को कहा।