जबलपुर | मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक इंजीनियरिंग छात्र को सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर उसके साथ ऐसी ठगी हुई, जिसे सुनकर कोई भी चौंक जाए। छात्र आदर्श पटेल को न केवल फर्जी इंटरव्यू और मेडिकल कराया गया, बल्कि उसे रेलवे की वर्दी और नकली आईडी कार्ड भी सौंप दिया गया। इतना ही नहीं, आरोपी उसे बार-बार रेलवे गेस्ट हाउस, अस्पताल और भर्ती दफ्तर ले जाता रहा, ताकि पूरी कहानी असली लगे।
रिश्तेदार निकला मास्टरमाइंड
आरोपी की पहचान राकेश सराठे के रूप में हुई है, जो आदर्श के परिवार का जानकार है और मां के पीको-फॉल के काम के सिलसिले में अक्सर उनके घर आता-जाता था। मार्च महीने में उसने आदर्श की मां को बताया कि देवरी रेलवे स्टेशन में क्लर्क की पोस्ट खाली है और वह उसकी भर्ती करवा सकता है। इसके बदले उसने 5 लाख की मांग की, जिसमें से आदर्श के परिवार ने 3.25 लाख रुपये तीन-चार किश्तों में दे दिए।
ऐसे हुआ खुलासा
आश्वासन पुख्ता लगे, इसलिए राकेश छात्र को रेलवे अस्पताल लेकर गया। यहां एक महिला से मिलवाया गया, जिसने खुद को रेलवे अधिकारी बताया। बाद में एक निजी अस्पताल में एक्स-रे भी कराया गया। इसके बाद ट्रेनिंग के नाम पर आदर्श को वर्दी और “कंप्यूटर प्रकोष्ठ, पमरे” लिखा आईकार्ड भी थमा दिया गया। आखिरकार जब आदर्श नौकरी को लेकर सीधे रेलवे ऑफिस पहुंचा, तो सच्चाई सामने आई। अधिकारियों ने दो टूक कहा कि न कोई भर्ती निकली है और न ही ऐसी कोई ट्रेनिंग प्रक्रिया चल रही है। तब जाकर आदर्श को समझ आया कि वह ठगी का शिकार हो चुका है।
नकली आईकार्ड बरामद
शिकायत के बाद पुलिस ने सबसे पहले विजय नगर की रेखा वर्मा को हिरासत में लिया, जिसने कबूल किया कि राकेश के कहने पर उसने खुद को अधिकारी बताया और बदले में 5 हजार रुपये लिए। देर रात 1 बजे पुलिस ने घमापुर में दबिश देकर राकेश सराठे को भी पकड़ लिया। उसके घर से फर्जी दस्तावेज और WCRMS का नकली आईकार्ड बरामद हुआ है। खुलासा यह भी हुआ है कि राकेश पहले भी 2021 में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी कर चुका है। अब पुलिस दोनों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है।