जबलपुर | मध्यप्रदेश का गौरवशाली शहर जबलपुर अब एक नई पहचान हासिल करने जा रहा है। 23 अगस्त को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश के सबसे बड़े और आधुनिक फ्लाईओवर का लोकार्पण करेंगे। यह फ्लाईओवर मदनमहल से दमोह नाका तक फैला है और इसे जबलपुर की नई पहचान माना जा रहा है।
यह परियोजना न केवल जबलपुर, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक महत्व रखती है। लगभग 1052 करोड़ रुपये की लागत से बना यह 6.855 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर अब तक का सबसे बड़ा फ्लाईओवर है। इसके उद्घाटन के साथ ही जबलपुर एक नए यातायात युग में प्रवेश करेगा।
तकनीकी रूप से अनोखी संरचना
इस फ्लाईओवर का सबसे बड़ा आकर्षण है रेल मार्ग के ऊपर बना 192 मीटर लंबा सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज। देश में इस तरह के निर्माण बहुत कम स्थानों पर देखने को मिलते हैं। इसके अलावा परियोजना में कुल 3 बो-स्ट्रिंग ब्रिज बनाए गए हैं, जिनमें दो रानीताल और एक बलदेवबाग क्षेत्र में है। ये सभी पुल पूरी तरह स्टील से निर्मित हैं और प्रत्येक की लंबाई करीब 70 मीटर है। इंजीनियरिंग की दृष्टि से यह फ्लाईओवर पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण माना जा रहा है।
नागरिक सुविधाओं पर ध्यान
निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है। फ्लाईओवर के नीचे लगभग 50 हजार पौधों का रोपण किया गया है। यह न केवल हरियाली बढ़ाएगा बल्कि प्रदूषण कम करने में भी मदद करेगा। साथ ही, फ्लाईओवर के नीचे नागरिकों के लिए बास्केटबॉल कोर्ट, ओपन जिम और बच्चों के लिए पार्क विकसित किए गए हैं। इस कारण यह परियोजना केवल यातायात तक सीमित न रहकर सामुदायिक और सामाजिक गतिविधियों का भी केंद्र बन जाएगी।
#जबलपुर को आधुनिकता की नई पहचान
तेजी से बढ़ती प्रगति की ओर एक और कदमप्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर अब जबलपुर की पहचान बनेगा।
23 अगस्त को केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे लोकार्पण।@nitin_gadkari @DrMohanYadav51 @MPRakeshSingh #MadhyaPradesh pic.twitter.com/VGECBogVAz
— PWD, MP (@pwdminmp) August 22, 2025
यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव
अब तक मदनमहल से दमोह नाका तक पहुँचने में लोगों को 40 से 45 मिनट लगते थे। लेकिन फ्लाईओवर शुरू होने के बाद यही सफर सिर्फ 6 से 8 मिनट में तय हो सकेगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की खपत घटेगी और प्रदूषण कम होगा। व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी और नागरिकों को रोजमर्रा की यात्रा में बड़ी सुविधा मिलेगी। फ्लाईओवर पर 10 स्थानों पर दिशा सूचक बोर्ड लगाए गए हैं ताकि यात्रियों को आसानी से रास्ता मिल सके। इससे यातायात और अधिक व्यवस्थित होगा। यह परियोजना जबलपुर की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक धरोहर के बीच आधुनिकता का संगम पेश करती है।
इस फ्लाईओवर के बनने से जबलपुर को महानगरीय स्वरूप मिलेगा। व्यापार, पर्यटन और जीवनशैली में नई ऊर्जा का संचार होगा। स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटक भी इस आधुनिक संरचना का लाभ उठाएंगे।
नागरिकों की उम्मीदें
जबलपुर के लोगों का कहना है कि यह फ्लाईओवर शहर के विकास की नई दिशा तय करेगा। लंबे समय से जाम और धीमी यातायात की समस्या से जूझ रहे नागरिक अब राहत की सांस लेंगे। इसके अलावा खेल और मनोरंजन की सुविधाओं से शहर का सामाजिक जीवन भी बेहतर होगा।
23 अगस्त का दिन जबलपुर के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। जब नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मोहन यादव इस भव्य फ्लाईओवर को जनता को समर्पित करेंगे, तब यह पल शहर के विकास की कहानी में एक नया अध्याय जोड़ देगा।