,

टेक्निशियन भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, कुबूली गड़बड़ी; भारतीय रेलवे ने तुरंत की कार्रवाई

Author Picture
Published On: 7 December 2025

पश्चिम मध्य रेल की वर्ष 2024 की टेक्निशियन ग्रेड-3 भर्ती परीक्षा में गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। सीबीआई जबलपुर ने इस मामले में बिहार के मुकेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जांच में खुलासा हुआ कि परीक्षा देने से लेकर नौकरी ज्वॉइन करने तक, सभी औपचारिकताओं में उसकी जगह कोई दूसरा व्यक्ति उपस्थित हुआ था।

रेलवे की प्रारंभिक जांच में पता चला कि परीक्षा के दौरान बायोमेट्रिक और फोटो रिकॉर्ड मुकेश कुमार के दस्तावेजों से मेल नहीं खाते थे। यही गड़बड़ी बाद में ट्रेनिंग के दौरान सपष्ट हो गई। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा में कुल 92 उम्मीदवार चयनित हुए थे, जिनमें मुकेश भी शामिल था। उसके दस्तावेज ठीक पाए गए, लेकिन परीक्षा देने वाला व्यक्ति अलग था।

प्रशिक्षण के दौरान खुला भांडा

सभी चयनित अभ्यर्थियों को 10 नवंबर 2025 को आईआरटीएमटीसी, पीआरवाईजी में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। ट्रेनिंग शुरू होने के चार दिन बाद, 14 नवंबर को जब दोबारा बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन हुआ, तो मुकेश का चेहरा और फिंगरप्रिंट परीक्षा रिकॉर्ड से मेल नहीं खाए। अधिकारियों ने तुरंत उससे पूछताछ की। थोड़ी देर की पूछताछ के बाद वह टूट गया और उसने पूरा फर्जीवाड़ा स्वीकार कर लिया।

रेलवे ने तुरंत की कार्रवाई

पूछताछ के दौरान मुकेश ने स्वीकार किया कि परीक्षा, मेडिकल टेस्ट और अन्य औपचारिकताओं में उसकी जगह किसी और व्यक्ति ने भाग लिया था। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि बायोमेट्रिक सिस्टम को धोखा देकर सरकारी नौकरी हासिल करना सीधे-सीधे धोखाधड़ी और आपराधिक कृत्य के दायरे में आता है। रेलवे ने तत्काल प्रभाव से मुकेश कुमार की सेवाएं समाप्त कर दीं।

CBI ने संभाली जांच

रेलवे द्वारा मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई ने इसे अपने हाथ में लिया और मुकेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। अधिकारियों का मानना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं हो सकता। परीक्षा में घुसपैठ कराने वाले संगठित गिरोह की आशंका जताई जा रही है, जो अभ्यर्थियों की जगह किसी और को परीक्षा में बैठाने का काम करता है।
जांच एजेंसी अब यह पता लगा रही है कि परीक्षा में इस्तेमाल की गई तकनीक, बायोमेट्रिक की संभावित छेड़छाड़ और पूरी प्रक्रिया में कितने लोग शामिल थे।

इस घटना के बाद पश्चिम मध्य रेल ने भविष्य की भर्ती परीक्षाओं में बायोमेट्रिक जांच की प्रक्रिया और कड़ी करने का फैसला लिया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए ट्रेनिंग और ज्वॉइनिंग के समय मल्टी-लेयर वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाएगा।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp