जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि जातिगत जनगणना का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि अगर इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया, तो समाज में विभाजन बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि देश में कुछ जातियां वाकई पीछे हैं, लेकिन आंकड़ों का उपयोग केवल उनके विकास के लिए होना चाहिए, न कि वोट बैंक के लिए। जबलपुर में चल रही आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान होसबाले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले भी तीन बार संघ पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर चुकी है, अब चाहे तो चौथी बार भी प्रयास कर ले। लेकिन पहले यह तो बताएं कि आखिर संघ पर बैन लगाने की जरूरत क्यों है?
उन्होंने कहा कि संघ समाज और राष्ट्रनिर्माण में काम कर रहा है। पहले भी जब बैन लगाया गया था, तब अदालत ने कहा था कि यह गलत है। संघ तब भी बढ़ता रहा, आज भी आगे बढ़ रहा है। कांग्रेस को अपने पुराने अनुभव से कुछ सीखना चाहिए।
संस्कार से ही सुधर सकती विकृति
अपने बयान में उन्होंने समाज में बढ़ती लिव-इन रिलेशनशिप की प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह संस्कृति के अनुकूल नहीं है। कानून से हर गलती नहीं रुकती, इसके लिए समाज में संस्कार जगाने होंगे। होसबाले ने धर्मांतरण के मुद्दे पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि संघ धर्म जागरण और घर वापसी पर गंभीरता से काम कर रहा है। पंजाब और जनजातीय इलाकों में धर्मांतरण की बड़ी समस्या है। यह सिर्फ धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि साजिश है। इसलिए संघ देशभर में धर्म जागरण के अभियान चला रहा है, ताकि लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहें।
‘संघ सबका है, पर भाजपा के कार्यकर्ता ज्यादा’
लहोसबाले ने यह भी माना कि संघ में भाजपा के कार्यकर्ता ज्यादा हैं, लेकिन संघ सिर्फ भाजपा का नहीं है। “हमारे दरवाजे सबके लिए खुले हैं। सरकार किसी की भी हो, हम अपने विचार सभी के सामने रखते हैं। भाजपा के लोग हमारे घर के ही हैं, इसलिए समन्वय बना रहता है।”
बंगाल की स्थिति पर चिंता जताई
उन्होंने कहा कि बंगाल में अस्थिरता फैलाने वालों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जो देश के साथ अन्याय है। अगर बंगाल को ऐसे ही छोड़ दिया गया तो यह पूरे राष्ट्र के लिए नुकसानदायक होगा।
