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MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कोरोना योद्धा योजना में अब ड्यूटी ही साबित करेगी पात्रता

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Published On: 30 September 2025

MP हाईकोर्ट ने ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना’ से जुड़ा अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट को योजना का अनिवार्य शर्त बनाने के प्रावधान को खत्म कर दिया। जस्टिस विशाल मिश्रा की अदालत ने स्पष्ट किया कि कोरोनाकाल में किसी कर्मचारी की मृत्यु हुई तो उसके लिए ड्यूटी ही लाभ का प्रमाण मानी जाएगी।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि ड्यूटी के दौरान मृत कर्मचारी को कोरोना योद्धा का लाभ दिया जाए। सरकार को इस कार्य को पूरा करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है। यह याचिका राजीव उपाध्याय की पत्नी अंजू मूर्ति ने दायर की थी। फैसले के बाद उन कोरोना योद्धाओं के लिए राहत की खबर है जिन्हें किसी कारण से योजना का लाभ अब तक नहीं मिल पाया।

कोविड़ के दौरान हुई मौत

राज्य विभाग में कार्यरत राजीव उपाध्याय को 2020-21 में जिला प्रशासन की ओर से ड्यूटी पर तैनात किया गया था। उनका कार्य प्रवासी भारतीयों के लिए बस और एम्बुलेंस की व्यवस्था करना था। कोरोना महामारी के समय देशभर में भयावह स्थिति थी और राजीव घंटों ड्यूटी करते रहे। इसी दौरान उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी और उनकी मृत्यु हो गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान ‘कोरोना योद्धा योजना’ लागू की थी, जिसके तहत ड्यूटी के समय मृत कर्मचारियों को 50 लाख रुपए का कोविड अनुदान दिया जाना था।

सरकार ने क्लेम देने से किया मना

10 जून 2020 को राजीव उपाध्याय की मृत्यु के बाद तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव ने उन्हें कोरोना योद्धा मानते हुए नाम सरकार को भेजा। इसके बावजूद राज्य सरकार ने किसी कारण से उनका क्लेम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनकी पत्नी ने 2020 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु को ही लाभ का प्रमाण माना जाएगा, कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार 90 दिन के भीतर लाभ राशि अंजू मूर्ति को भुगतान करे।

योजना का विवरण

‘कोरोना योद्धा योजना’ अप्रैल 2020 में लागू की गई थी। पहले इसे दो माह के लिए लागू किया गया था, बाद में योजना को 31 मई से 30 सितंबर तक बढ़ाया गया। बाद में सरकार ने इसे दो माह और विस्तार दिया। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद योजना का लाभ उन सभी कर्मचारियों तक पहुंचेगा जो ड्यूटी के दौरान कोरोना से प्रभावित या मृत हुए।

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