भोपाल | मध्यप्रदेश सरकार (MP Govt) ने राज्य के विद्युत ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूत करने के लिए एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्य के लिए वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक की कार्य योजना तैयार की गई है, जिस पर कुल ₹5,163 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्ता पूर्ण बिजली उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि ट्रांसमिशन नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण के लिए विभिन्न स्तरों पर निर्माण और तकनीकी उन्नयन कार्य किए जाएंगे।
₹5163 करोड़ की लागत से होगा विद्युत ट्रांसमिशन सिस्टम का सुदृढ़ीकरण: ऊर्जा मंत्री श्री @PradhumanGwl
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— Energy Department, MP (@Energy_MPME) July 8, 2025
इन बातों का रखा जाएगा ध्यान
- निर्माण एवं संरचनाओं के उन्नयन पर ₹1,154 करोड़ होंगे खर्च।
- सिंहस्थ-2028 हेतु जरूरी कार्यों पर ₹185 करोड़ होंगे खर्च।
- नवीन अति उच्चदाब उपकेन्द्र निर्माण पर ₹1,015 करोड़ होंगे खर्च।
- मुरैना और ग्वालियर के लिए नई अति उच्चदाब लाइनें ₹54 करोड़ होंगे खर्च।
- मौजूदा अति उच्चदाब ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि पर ₹1,280 करोड़ होंगे खर्च।
- आरडीएसएस योजना के तहत 184 नए 33 के.वी. उपकेन्द्रों के लिए ₹81 करोड़ होंगे खर्च।
- डबल पोल/फोर पोल लाइनों को टॉवर लाइनों में बदलने पर ₹662 करोड़ होंगे खर्च।
- लूप-इन लूप-आउट सिस्टम और एकल स्त्रोत उपकेन्द्रों के लिए नई लाइनें ₹451 करोड़ होंगे खर्च।
- स्काडा प्रणाली के प्रतिस्थापन एवं अन्य कार्यों पर ₹281 करोड़ होंगे खर्च।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि योजना के कार्यान्वयन से ट्रांसमिशन नेटवर्क अधिक सुरक्षित, सक्षम और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार होगा। सिंहस्थ-2028 जैसे बड़े आयोजनों के दौरान भी निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।