शाजापुर | जिला अस्पताल परिसर में शुरू हुई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई देखते ही देखते तकरार और प्रदर्शन में बदल गई। तहसीलदार सुनील पाटिल और डॉक्टरों के बीच हुई तीखी बहस के बाद स्थिति इस कदर बिगड़ी कि डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं ठप कर दीं और थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। विवाद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे मामला और तूल पकड़ गया है।
सुबह की घटना
घटना सुबह करीब साढ़े नौ बजे की है, जब तहसीलदार सुनील पाटिल नगर प्रशासन की टीम के साथ अस्पताल परिसर स्थित हनुमान मंदिर के पास से अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. बीएस मैना मौके पर मौजूद नहीं थे, जिससे तहसीलदार ने नाराजगी जताई। बात यहीं नहीं रुकी, कुछ देर बाद आरएमओ डॉ. गोविंद पाटीदार मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगे। डॉक्टर के मुताबिक, तभी तहसीलदार ने उनका मोबाइल छीनने की कोशिश की और अपशब्द कहे।
डॉक्टर का ये कहना
डॉ. गोविंद पाटीदार ने आरोप लगाया कि वे सिविल सर्जन को फोन पर जानकारी दे रहे थे, उसी दौरान तहसीलदार ने उन्हें गालियां दीं और वीडियो बनाने से रोका। इस घटना के विरोध में अस्पताल के अन्य डॉक्टर भी उनके समर्थन में उतर आए। डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं रोक दीं और कोतवाली थाने पहुंचकर करीब 20 मिनट तक धरना दिया। इसके बाद एसडीओपी गोपाल सिंह चौहान ने मौके पर पहुंचकर बात की और डॉक्टरों ने तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
तहसीलदार ने कही ये बात
उधर, इस मामले ने दूसरा मोड़ ले लिया जब तहसील कार्यालय में पटवारी संघ और अन्य राजस्व कर्मचारी तहसीलदार के समर्थन में धरने पर बैठ गए। उन्होंने डॉक्टरों के आरोपों को मनगढ़ंत बताया और प्रशासनिक कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप डॉक्टरों पर लगाया तहसीलदार सुनील पाटिल ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वे एसडीएम के आदेश पर कार्रवाई कर रहे थे। यह विवाद का मुद्दा नहीं है, डॉक्टरों को मरीजों की सेवा करनी चाहिए, न कि वीडियो बनाकर कार्रवाई रोकनी चाहिए।
