उज्जैन-इंदौर रोड पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सिक्स लेन सड़क निर्माण के चलते रास्ता जगह-जगह संकरा हो गया है, और वाहनों की लंबी कतारें अब यहां रोज़मर्रा का हिस्सा बन गई हैं। खासकर शनिवार, रविवार और छुट्टियों पर तो स्थिति और बिगड़ जाती है, क्योंकि महाकाल मंदिर आने वाले अधिकतर श्रद्धालु इसी मार्ग से होकर शहर में प्रवेश करते हैं।
इसी बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए पुलिस ने इस बार तकनीक का सहारा लिया है। उज्जैन पुलिस ने पहली बार ड्रोन कैमरों की मदद से ट्रैफिक निगरानी शुरू कर दी है। एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देश पर यातायात विभाग ने पूरे उज्जैन–इंदौर रूट पर विशेष अभियान चलाया है, जिसकी कमान एएसपी आलोक शर्मा और डीएसपी ट्रैफिक विक्रम सिंह कनपुरिया संभाल रहे हैं।
पूरे मार्ग का स्कैन
ड्रोन लगातार ऊपर से पूरे मार्ग को स्कैन कर रहे हैं। जाम बनने की शुरुआत होते ही ड्रोन ऑपरेटर कंट्रोल रूम को लाइव अलर्ट भेजता है। इसके बाद तुरंत चार्ली टीमों को लोकेशन दे दी जाती है। टीम कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंचकर वाहनों को साइड कराती है, दाईं-बाईं लेन को व्यवस्थित करती है और जाम खुलवाती है। पुलिस का कहना है कि इस मॉनिटरिंग सिस्टम के चलते पहले की तुलना में जाम जल्दी खुल रहा है और श्रद्धालुओं को भी काफी राहत मिल रही है।
सिर्फ निगरानी ही नहीं, पुलिस ने मैदानी व्यवस्था भी मजबूत की है। सड़क के दोनों ओर अतिरिक्त फोर्स तैनात है, ताकि कहीं भी दबाव बढ़े तो तुरंत मानवीय हस्तक्षेप किया जा सके। पेट्रोलिंग बढ़ाने के लिए चार्ली टीमों की संख्या भी बढ़ाई गई है। निर्माण कार्य के चलते जहां सड़क संकरी है, वहां बैरिकेड्स हटाकर जगह बढ़ाने, डिजाइन बदलने और वैकल्पिक रूट सुझाने जैसे उपाय भी लगातार अपनाए जा रहे हैं।
ड्रोन निगरानी
यातायात विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सिक्स लेन प्रोजेक्ट पूरा होने तक ट्रैफिक का दबाव इसी तरह बना रहेगा, लेकिन ड्रोन निगरानी से स्थिति नियंत्रण में रहेगी। यह व्यवस्था आगे त्योहारों और भीड़ वाले दिनों में खास उपयोगी साबित होगी। तकनीक और मैदानी फोर्स का यह संयोजन उज्जैन-इंदौर रोड पर ट्रैफिक प्रबंधन को नए स्तर पर ले जाता दिख रहा है और शायद यही वजह है कि कई वाहन चालक भी कह रहे हैं कि पहले जैसा घंटों का जाम अब नहीं लग रहा।
