शाजापुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी 3 लाख 10 हजार रुपए की साइबर ठगी का शिकार हो गया। ठगों ने पीड़ित के दोस्त की नकली फेसबुक आईडी बनाकर पूरा प्लान तैयार किया। इस फर्जी आईडी से भेजे गए एक साधारण मैसेज ने पीड़ित को जाल में फंसा लिया। पीड़ित सलाउद्दीन खान (48) निवासी महुपुरा ने बताया कि 17 नवंबर की सुबह उनके फेसबुक मैसेंजर पर ‘Good Ji’ नाम से मैसेज आया। आईडी पर उनके करीबी दोस्त शाकिर हुसैन की फोटो लगी थी, जो इंदौर में रहते हैं और कतर एयरलाइंस में इंजीनियर हैं। मैसेज में 1.50 लाख रुपए एक ट्रैवल एजेंसी को देने की बात कही गई थी।
बिना बात किए भेज दिए पैसे
सलाउद्दीन ने सीधे शाकिर से बात करने की बजाय मैसेंजर पर मिले नंबर 9797319593 पर वॉट्सऐप कॉल की। कॉल पर खुद को ‘विक्रम सिंह’ बताने वाले व्यक्ति ने शाकिर का वीजा रिन्यू कराने के लिए तुरंत पैसे की जरूरत बताई। सलाउद्दीन विश्वास कर बैठे और आरोपी के बताए तीन मोबाइल नंबरों 8349538840, 9860414808 और 8092815648 पर 25-25 हजार रुपए फोन-पे से भेज दिए।
ठग लिए 50 हजार
इसके बाद ठग ने दो अलग-अलग क्यूआर कोड भेजकर सलाउद्दीन के मित्र इकरार हुसैन से भी 50 हजार रुपए जमा करा लिए। आरोपी लगातार नए बहाने बनाकर पैसे मंगाता रहा। ठग ने आगे वीजा और ग्रीन कार्ड शुल्क के नाम पर 1.60 लाख रुपए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते में जमा कराने को कहा। यह खाता संजय सिंह के नाम पर था। सलाउद्दीन ने यह रकम भी भेज दी।
जब 4.50 लाख की और मांग
शाम तक आरोपी ने एक और मांग रख दी। 4.50 लाख रुपए गारंटी शुल्क के नाम पर… इतनी बड़ी रकम सुनकर सलाउद्दीन को शक हुआ। उन्होंने तुरंत शाकिर के परिवार से संपर्क किया। तब पता चला कि शाकिर ने ऐसा कोई मैसेज नहीं भेजा और उनकी फेसबुक आईडी पूरी तरह फर्जी थी।
जांच शुरू
धोखाधड़ी का पता चलते ही सलाउद्दीन सीधे थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। कोतवाली पुलिस ने अज्ञात साइबर ठग के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) और 319(2) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब मोबाइल नंबरों और बैंक अकाउंट की जांच कर रही है। इस घटना के बाद पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए बढ़ती ठगी चिंताजनक है, इसलिए किसी भी पैसे की मांग पर पहले व्यक्ति से सीधे बात कर पुष्टि जरूर करें।
