बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने शुक्रवार को अहम बैठक आयोजित की। बैठक में पार्टी नेताओं ने एक सुर में कहा कि इस बार बिहार की जनता बदलाव चाहती है और महागठबंधन की जीत तथा एनडीए की हार सुनिश्चित करनी होगी। बैठक में पार्टी महासचिव डी. राजा ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे जनता के मुद्दों को केंद्र में रखकर चुनावी मैदान में उतरें।
डी. राजा ने कहा, “बिहार में दो दशक का एनडीए शासन जनता के लिए कठिन दौर रहा है। अब वक्त है कि जनता के मुद्दों पर एक वैकल्पिक, जनोन्मुखी सरकार बनाई जाए।”
बढ़ी बेरोजगारी
भाकपा महासचिव ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू-भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है, वहीं शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा, “बिहार के युवा रोजगार की तलाश में पलायन को मजबूर हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य की नीतियां ध्वस्त हो चुकी हैं। यह सरकार अब जनता की नहीं, ठेकेदारों और अफसरशाही की बन गई है।”
डी. राजा ने केंद्र सरकार को भी निशाने पर लिया और कहा कि मोदी सरकार की नीतियां कॉरपोरेट समर्थक और जनविरोधी हैं, जिसके चलते महंगाई और बेरोजगारी में भारी इजाफा हुआ है।
24 सीटों पर लड़ेगी भाकपा
बैठक में चुनावी तैयारियों की समीक्षा करते हुए डी. राजा ने बताया कि भाकपा 24 विधानसभा सीटों पर मजबूती से उतरने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी की सीटों की सूची पहले ही महागठबंधन के संयोजक तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंप दी गई है। उन्होंने विश्वास जताया कि भाकपा को सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी ताकि वाम दल गठबंधन की जीत में निर्णायक भूमिका निभा सकें।
बैठक में कई वरिष्ठ नेता
बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. गिरीश चंद्र शर्मा, संजय कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जानकी पासवान और अजय कुमार सिंह भी मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता अवधेश कुमार राय और प्रमोद प्रभाकर ने संयुक्त रूप से की।
नेताओं ने कहा कि इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि जनता के अधिकारों की बहाली और सामाजिक न्याय की पुनर्स्थापना की लड़ाई है।