22 सितंबर 2025 को रात में सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण अपने चरम पर रात 1:11 बजे पहुंचेगा और इसकी कुल अवधि लगभग सवा दो घंटे होगी। चूंकि ग्रहण का समय भारत में रात के समय पड़ता है, इसलिए इसे भारत से नहीं देखा जा सकेगा और इस कारण भारत में सूतक काल लागू नहीं होगा। हालांकि, ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर महसूस होगा।
22 सितंबर 2025 की रात सूर्य ग्रहण लगेगा, जो रात 1:11 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा और लगभग सवा दो घंटे तक चलेगा। इस समय भारत में रात होगी, इसलिए यह ग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा।
सूतक काल क्या है?
सूर्य ग्रहण से जुड़ा सूतक काल उस समय को कहते हैं जो ग्रहण से लगभग 12 घंटे पहले शुरू होता है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है। 22 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण रात 1:11 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा, इसलिए अगर यह भारत में दिखाई देता, तो सूतक काल सुबह 10:59 बजे शुरू होना चाहिए था।
भारत में नहीं दिखेगा
22 सितंबर 2025 को लगने वाले सूर्य ग्रहण का असर भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए देश में सूतक काल लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि मंदिरों में पूजा स्थल खुला रहेगा और शुभ कार्यों पर कोई रोक नहीं लगेगी। फिर भी इस दौरान सुबह उठकर साफ-सफाई करना, स्नान करना और दान जैसे पुण्यकार्यों में शामिल होना शुभ माना जाता है। सूर्य और चंद्र ग्रहण का संबंध राहु-केतु से है। राहु और केतु छाया ग्रह माने जाते हैं, जो असल में ग्रह नहीं बल्कि चंद्रमा और पृथ्वी की कक्षा के नोड्स हैं। जब अमावस्या के समय ये नोड्स सूर्य के पास होते हैं, तो सूर्य ग्रहण होता है, जबकि पूर्णिमा के समय यदि चंद्रमा इन नोड्स के पास होता है, तो चंद्र ग्रहण बनता है।
कहां दिखाई देगा?
22 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड, दक्षिणी प्रशांत और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में देखा जाएगा। भारत में यह ग्रहण रात के समय होने के कारण दिखाई नहीं देगा।