भारत की अग्रणी डिजिटल पेमेंट सेवा प्रदाता कंपनी PhonePe को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया से बड़ी अनुमति मिल गई है। अब तक केवल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन सुविधा देने वाली यह कंपनी अब ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में भी कार्य कर सकेगी। आरबीआई की इस औपचारिक मंजूरी के बाद PhonePe न सिर्फ अपने कारोबार का दायरा बढ़ा पाएगी, बल्कि इससे करोड़ों छोटे कारोबारियों और दुकानदारों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
भारत की अग्रणी डिजिटल भुगतान सेवा प्रदाता कंपनी PhonePe को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से एक बड़ी अनुमति मिल गई है। आरबीआई ने PhonePe को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में कार्य करने की औपचारिक मंजूरी दे दी है।
मंजूरी
डिजिटल भुगतान सेवा प्रदाता PhonePe को रिज़र्व बैंक से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की अनुमति मिल गई है। इस नए दर्जे के साथ अब कंपनी सीधे दुकानदारों और व्यापारियों को जोड़ पाएगी और उनके ग्राहकों से ऑनलाइन पेमेंट लेकर उन्हें तुरंत उनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकेगी।
इसका मतलब है कि अब फोनपे सिर्फ ग्राहकों को भुगतान की सुविधा नहीं देगा, बल्कि खुदरा व्यापारी भी इसके माध्यम से तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक पेमेंट कलेक्शन सिस्टम का लाभ उठा सकेंगे। यह कदम न सिर्फ PhonePe के कारोबार को विस्तार देगा बल्कि करोड़ों छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान से जुड़ने में भी मदद करेगा।
65 करोड़ से अधिक यूज़र्स
भारत की अग्रणी फिनटेक कंपनी PhonePe, जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था, आज देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनियों में गिनी जाती है। इसके पास 65 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूज़र्स और 4.5 करोड़ से ज्यादा मर्चेंट्स का विशाल नेटवर्क है, जहां रोज़ाना लगभग 36 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन होते हैं। पेमेंट सेवाओं के अलावा कंपनी ने अपने कारोबार का विस्तार लोन, बीमा, वेल्थ मैनेजमेंट, हाइपरलोकल ई-कॉमर्स और स्वदेशी ऐप स्टोर जैसी सेवाओं तक कर लिया है।
क्या है ये?
दरअसल, Online Payment Aggregator एक ऐसा डिजिटल माध्यम है जो व्यापारियों को उनके ग्राहकों से UPI, कार्ड या वॉलेट जैसे विभिन्न तरीकों से पेमेंट स्वीकार करने की सुविधा देता है। इसमें पहले मर्चेंट को ऑनबोर्ड किया जाता है और उनकी वेबसाइट या ऐप में पेमेंट गेटवे जोड़ा जाता है, जिससे ग्राहक अपनी पसंद का पेमेंट विकल्प चुनकर भुगतान कर सके।
आरबीआई की ओर से मिली यह मंजूरी फोनपे के लिए केवल एक लाइसेंस नहीं, बल्कि छोटे दुकानदारों और व्यापारियों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ने का नया अवसर है, जो कंपनी को देशभर में डिजिटल भुगतान के विस्तार की दिशा में एक मजबूत कड़ी बना सकता है।