सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सूर्यकांत ने नई दिल्ली स्थित सर्वोच्च न्यायालय में मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए “दावेदार प्रतिपूर्ति एवं जमा प्रणाली हेतु डैशबोर्ड” (MACT Dashboard) का शुभारंभ किया। यह पोर्टल मोटर दुर्घटना से प्रभावित लोगों को त्वरित, पारदर्शी और सहज मुआवज़ा दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
भोपाल में जुड़ाव
उद्घाटन समारोह में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल के प्रधान न्यायाधीश श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव और भोपाल में पदस्थ न्यायाधिकरण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इससे प्रदेश और देशभर के अन्य न्यायालयों को भी इस पोर्टल का परिचय और उपयोग करने का अवसर मिला।
पोर्टल का उद्देश्य
MACT पोर्टल का मुख्य उद्देश्य मोटर दुर्घटना पीड़ितों को उनका हक़ शीघ्र और पारदर्शी तरीके से दिलाना है। इस पोर्टल के जरिए मुआवज़ा दावों की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिससे लंबित मामलों में तेजी आएगी। न्यायालय और अधिकारियों के बीच समन्वय बढ़ेगा, और दस्तावेज़ों की जाँच तथा अनुमोदन का काम डिजिटल माध्यम से होगा।
लाभ और सुविधा
नए पोर्टल के माध्यम से पीड़ित व्यक्ति अपने मुआवज़े की स्थिति सीधे ऑनलाइन ट्रैक कर सकेगा। यह प्रणाली न केवल न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि पीड़ितों को अतिरिक्त समय और प्रयास से भी बचाएगी। साथ ही, पोर्टल पर सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करने और अद्यतन जानकारी प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह पहल न्यायपालिका की उन कोशिशों का हिस्सा है, जो डिजिटल माध्यम और तकनीक के उपयोग से आम जनता को न्याय पहुंचाने में सहायक हैं। उन्होंने इस अवसर पर अधिकारियों और कर्मचारियों को पोर्टल के सुचारू संचालन और प्रशिक्षण पर ध्यान देने का निर्देश भी दिया।
न्याय की दिशा में बड़ा कदम
MACT पोर्टल मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल मुआवज़ा प्रक्रिया त्वरित होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और अनावश्यक विलंब को भी कम किया जा सकेगा। इस पोर्टल की शुरुआत के साथ अब भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश और देशभर के अन्य न्यायालय डिजिटल माध्यम से मुआवज़ा दावों को तेजी से निपटाने में सक्षम होंगे।