सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब आवारा कुत्तों के लिए लागू हुए सख्त नियम; हस्तक्षेप करने वाले पर लगेगा जुर्माना

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Published On: 22 August 2025

देश | सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के संरक्षण और प्रबंधन को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शेल्टर होम में रखे गए कुत्तों को वापस छोड़ दिया जाएगा, बशर्ते उनकी नसबंदी और टीकाकरण हो चुका हो। केवल वे कुत्ते जो बीमार या आक्रामक होंगे, उन्हें ही शेल्टर होम में रखा जाएगा, जिससे उनके स्वास्थ्य और लोगों की सुरक्षा दोनों का ध्यान रखा जा सके।

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि शेल्टर होम भेजे गए सामान्य कुत्तों को वापस उनके मूल स्थान पर छोड़ दिया जाएगा, केवल वही कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाएगा, जो बीमार या आक्रामक हों।

सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाना बैन

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के लिए महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली में सदस्यीय पीठ ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि हर नगरपालिका क्षेत्र में आवारा कुत्तों के लिए विशेष स्थान निर्धारित किए जाएं, जहां उन्हें खाना खिलाया जा सके। इसके अलावा, सार्वजनिक जगहों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना प्रतिबंधित होगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

नगर निकायों को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने नगर निकायों को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि वे अपने-अपने वार्डों में आवारा कुत्तों को भोजन कराने के लिए विशेष स्थान निर्धारित करें। इन निर्दिष्ट क्षेत्रों के अलावा किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कुत्तों को खिलाने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वापस छोड़े जाएंगे स्वस्थ कुत्ते

सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश (8 अगस्त) में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया है कि स्वस्थ, टीकाकृत और डी-वॉर्मिंग किए गए कुत्तों को उनके मूल क्षेत्रों में वापस छोड़ा जा सकता है। हालांकि, जो कुत्ते आक्रामक स्वभाव के हों या रेबीज जैसी बीमारी से पीड़ित पाए जाएं, उन्हें विशेष आश्रय गृहों में ही रखा जाएगा। कोर्ट का यह निर्णय आवारा कुत्तों के प्रबंधन में संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

आदेश पूरे देश में लागू

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में लागू होगा। इसके लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किए गए हैं, ताकि आदेश का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

गोद लेने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई पशु प्रेमी चाहें तो वे आवारा कुत्तों को गोद ले सकते हैं। लेकिन गोद लेने के बाद उनकी पूरी ज़िम्मेदारी होगी कि वे उन कुत्तों को सुरक्षित रखें और उन्हें दोबारा सड़कों पर न लौटने दें। यानी गोद लिए गए कुत्तों की देखभाल, टीकाकरण और भोजन की व्यवस्था पूरी तरह गोद लेने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी।

हस्तक्षेप करने वालों पर लगेगा जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डालती है, तो उस पर ₹2 लाख और व्यक्तियों पर ₹25,000 का दंड लगाया गया है। याचिकाकर्ता के वकील विवेक शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह जुर्माना आम जनता पर नहीं है, बल्कि केवल उन एनजीओ और पक्षकारों पर लागू होगा जिन्होंने मामले में हस्तक्षेप किया था। कोर्ट ने यह भी तय किया है कि वसूली गई राशि कुत्तों के कल्याण के कार्यों में उपयोग की जाएगी।

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