डिजिटल भुगतान प्रणाली में 1 अक्टूबर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई (UPI) ऐप के पर्सन-टू-पर्सन (P2P) पैसे मांगने वाली सुविधा को बंद करने का फैसला लिया है। इस बदलाव के बाद यूजर्स अपने दोस्तों या परिवार से सीधे पैसे मांगने का विकल्प इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। एनपीसीआई के अनुसार, यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है, ताकि ऑनलाइन लेन-देन को और सुरक्षित बनाया जा सके और किसी भी तरह की धोखाधड़ी की आशंका को कम किया जा सके।
डिजिटल भुगतान में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 अक्टूबर से यूपीआई (UPI) के जरिए सीधे दोस्तों या परिवार से पैसे मांगने का फीचर बंद कर दिया जाएगा। इस फैसले के पीछे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) का निर्णय है, जिसके बाद यूजर्स अब इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ फीचर
डिजिटल भुगतान को और आसान बनाने के लिए यूपीआई ने ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ या ‘पुल ट्रांजैक्शन’ नामक सुविधा प्रदान की थी, जिसके जरिए यूजर्स सीधे अपने दोस्तों या परिवार से पैसे मांग सकते थे। इस फीचर में यूजर केवल रिक्वेस्ट भेजता और दूसरी तरफ वाला व्यक्ति उसे स्वीकार कर अपना पिन डालते ही पेमेंट ट्रांजैक्शन पूरा हो जाता था, जिससे कैश की जरूरत लगभग खत्म हो गई थी।
1 अक्टूबर से P2P फीचर बंद
1 अक्टूबर से यूपीआई (UPI) ऐप्स जैसे PhonePe और Google Pay पर आम यूजर्स के लिए पैसे मांगने की सुविधा बंद कर दी जाएगी। अब केवल Amazon, Flipkart, IRCTC और Netflix जैसे मर्चेंट्स अपने ग्राहकों को पेमेंट रिक्वेस्ट भेज पाएंगे। NPCI ने यह कदम ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए उठाया है, जबकि पहले कलेक्ट रिक्वेस्ट की लिमिट भी 2000 रुपये तक घटा दी गई थी। शुरू में यह सुविधा दोस्तों और परिवार के बीच पैसे मांगना आसान बनाने के लिए थी, लेकिन इसके दुरुपयोग से लोगों को वित्तीय नुकसान हुआ।
आम यूजर्स के लिए बदलाव
- डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ गया है।
- 1 अक्टूबर से यूपीआई (UPI) प्लेटफॉर्म पर यूजर्स अब सीधे अपने दोस्तों या परिवार से पैसे नहीं मांग सकेंगे, जबकि मर्चेंट्स के लिए यह सुविधा वैसे ही जारी रहेगी।
- NPCI का कहना है कि यह कदम ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने और भुगतान प्रणाली को और सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है।
- यूजर्स को अब उधारी या पैसे मांगने के लिए दूसरे विकल्प अपनाने पड़ेंगे।
- लेकिन मर्चेंट्स के लिए ऑनलाइन खरीददारी और भुगतान प्रक्रिया निर्बाध रूप से जारी रहेगी।