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इंदौर के मेडिकल कॉलेज में CBI का छापा, फर्जीवाड़े और लेन-देन की जांच

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Published On: 3 July 2025

इंदौर | मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित एक निजी मेडिकल संस्थान पर बुधवार सुबह केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने दबिश दी। जानकारी के अनुसार, कॉलेज ने शिक्षा से जुड़ी मान्यता को दोबारा हासिल करने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर किया और निरीक्षण रिपोर्ट को सही दिखाने के लिए अफसरों को पैसा पहुंचाया।

यह कार्रवाई उस बड़ी जांच का हिस्सा है, जो देशभर के कई शैक्षणिक संस्थानों को लेकर चल रही है। शुरुआती सुराग रायपुर में सामने आए थे, जहां एक निजी कॉलेज में 250 सीटों की मान्यता के बदले 55 लाख रुपये दिए गए। उसी कड़ी में इंदौर का यह नाम सामने आया।

खंगाले गए कागजात

मिली जानकारी के मुताबिक, एजेंसी ने संस्थान के संचालक सुरेश भदौरिया, उनके बेटे मयंक और उनसे जुड़े अन्य परिसरों पर भी जांच की। सुबह करीब साढ़े आठ बजे टीम मौके पर पहुंची और अस्पताल से जुड़े रेकॉर्ड, छात्रों की जानकारी, प्रशासनिक फाइलें और स्टाफ से जुड़े कागज खंगाले।

झूठे आंकड़े किए प्रस्तुत!

शंका है कि संस्थान ने स्वास्थ्य शिक्षा आयोग की जांच में कमियों को छिपाने के लिए झूठे आंकड़े प्रस्तुत किए। हर साल यह संस्थाएं प्रमाणित करती हैं कि पढ़ाई के लिए जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं, जैसे – कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, मरीजों के लिए बिस्तर, शिक्षकों की संख्या आदि। अगर कोई पहलू तय मानकों से कम हो तो अनुमति रद्द हो सकती है।

अपनाया गलत तरीका

कथित तौर पर इसी डर से संस्थान ने गलत तरीका अपनाया। एजेंसी को इस बारे में ठोस इनपुट मिले थे, जिसके बाद कार्रवाई की गई।फिलहाल, जांच से जुड़े किसी अधिकारी ने औपचारिक टिप्पणी नहीं की है। संस्थान की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, माना जा रहा है कि आगे और खुलासे हो सकते हैं।

बढ़ रही चिंता

देशभर में मेडिकल शिक्षा से जुड़े मामलों में इस तरह की जांच छात्रों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा रही है। सवाल यह भी है कि अगर ऐसे संस्थान मान्यता पा जाते हैं, तो पढ़ाई का स्तर कैसे सुधरेगा?

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