भोपाल | राजधानी भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक, भड़काऊ और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कंटेंट के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 163 के तहत जारी किया गया है और तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
आदेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर (एक्स), इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, एसएमएस या किसी अन्य डिजिटल माध्यम का उपयोग धार्मिक, जातिगत या सामाजिक भावनाओं को भड़काने वाले संदेश, फोटो, वीडियो या ऑडियो साझा करने के लिए नहीं करेगा। ऐसा कोई भी पोस्ट, जिससे साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता हो, उस पर टिप्पणी, लाइक, शेयर या फॉरवर्ड करना भी निषिद्ध होगा।
ग्रुप एडमिन होंगे जिम्मेदार
सोशल मीडिया ग्रुप्स के एडमिन्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके ग्रुप में ऐसा कोई आपत्तिजनक कंटेंट न फैले। यदि ऐसा होता है, तो एडमिन को भी जिम्मेदार माना जाएगा।
अफवाह, उकसावे और गैरकानूनी जमावड़े पर भी रोक
आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी समुदाय विशेष के खिलाफ घृणा या हिंसा फैलाने, अफवाह फैलाने या तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करने का प्रयास नहीं करेगा। न ही किसी प्रकार के गैरकानूनी जमावड़े या हिंसक गतिविधियों के लिए प्रेरित या आह्वान करेगा।
साइबर कैफे संचालकों के लिए भी निर्देश
भोपाल नगर सीमा में संचालित सभी साइबर कैफे संचालकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे बिना वैध फोटोयुक्त पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस आदि) के किसी भी अनजान व्यक्ति को साइबर कैफे का उपयोग नहीं करने दें। साथ ही आगंतुकों का नाम, पता, फोन नंबर और पहचान पत्र विवरण युक्त रजिस्टर रखना अनिवार्य होगा।
आदेश का उल्लंघन अपराध की श्रेणी में
पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। आदेश का मकसद शहर में कानून व्यवस्था, शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना है।
