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AIIMS भोपाल में पेलिएटिव केयर यूनिट शुरू, अब इलाज के साथ मिलेगा सहारा

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Published On: 5 July 2025

भोपाल | राजधानी भोपाल से बड़ी खबर है। एम्स भोपाल ने गंभीर रोगियों के लिए एक नई शुरुआत की है। अब मरीजों को सिर्फ इलाज ही नहीं, बल्कि ज़िंदगी के आखिरी पड़ाव पर गरिमा और सहारे की भी व्यवस्था मिलेगी। AIIMS भोपाल में 10 बेड की पेलिएटिव केयर यूनिट शुरू की गई है। ये यूनिट खासतौर पर उन मरीजों के लिए है, जो कैंसर या ऐसी ही गंभीर बीमारियों के अंतिम चरण में हैं।

इस यूनिट का उद्घाटन एम्स के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने किया। उन्होंने इसे सिर्फ एक चिकित्सा सुविधा नहीं, बल्कि संवेदनशील और समग्र देखभाल की दिशा में एक बड़ी पहल बताया। उनका कहना था, “पेलिएटिव केयर यूनिट गरिमा, करुणा और सम्मान से जुड़ी सोच का प्रतीक है।”

क्यों है यह यूनिट जरूरी?

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से जूझते मरीजों के लिए शारीरिक दर्द ही नहीं, मानसिक और भावनात्मक टूटन भी बहुत बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में पेलिएटिव केयर उन्हें न सिर्फ दर्द से राहत देता है, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी संभालता है। यहां मरीजों को ऐसा वातावरण देने की कोशिश की जाती है, जहां वे सम्मान के साथ ज़िंदगी के आखिरी क्षण बिता सकें।

क्या-क्या मिलेगा इस यूनिट में?

  • दर्द और लक्षणों का समर्पित प्रबंधन
  • काउंसलिंग, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्तर पर
  • परिजनों से मिलने और समय बिताने के लिए अलग व्यवस्था
  • मृत्यु के बाद परिजनों को सहयोग और परामर्श
  • मरीजों के लिए करुणामयी और गरिमामय वातावरण

टीम वर्क करेगी देखभाल

इस यूनिट में एक विशेष टीम तैनात की गई है जिसमें डॉक्टर, नर्स, काउंसलर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। यह टीम मिलकर न सिर्फ मरीज की ज़रूरतों का ख्याल रखेगी, बल्कि परिजनों को भी मानसिक सहारा देगी। मकसद है – रोगी की ज़िंदगी की गुणवत्ता को बेहतर बनाना, न कि केवल उसकी बीमारी का इलाज करना। AIIMS भोपाल की यह पहल न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई मिसाल है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे इंसान को सिर्फ दवाएं नहीं, इंसानियत की ज़रूरत होती है।

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