भोपाल | राजधानी भोपाल में शुक्रवार को रेल कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (WCRMS) के बैनर तले भोपाल मंडल के रनिंग स्टाफ ने रेलवे प्रशासन की “तानाशाही” के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। नाराज कर्मचारियों ने विभाग से मिली CUG सिम कार्ड को जेब में रखकर प्रतीकात्मक रूप से उपयोग बंद किया और DRM ऑफिस के बाहर सीयूजी सिम की अर्थी निकालकर अपनी नाराजगी दर्ज कराई।
“अब नहीं सहेंगे प्रताड़ना”
प्रदर्शन का नेतृत्व मजदूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने किया। वहीं, मुख्य शाखा सचिव अनिरुद्ध सोनी ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “बार-बार शिकायतों के बाद भी रेलवे का रवैया उदासीन है। रनिंग स्टाफ मानसिक और शारीरिक दोनों स्तरों पर परेशान है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
कर्मचारियों की मुख्य समस्याएं
- आउट स्टेशन पर 72 घंटे तक जबरन रोकना, बिना सुविधा के रेस्ट रूम में रुकवाना
- रनिंग लिंक और साप्ताहिक अवकाश में मनमानी बदलाव
- सीवीवीआरएस और कॉल डिटेल के पुराने डेटा के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई
- प्रमोशन और खाली पदों पर भर्ती में देरी
- सिर्फ सिम देना, लेकिन मोबाइल सेट न देना
- 9 घंटे से अधिक ड्यूटी का दबाव
“जीवनरेखा चला रहे, लेकिन हाल बेहाल है”
मंडल अध्यक्ष राजेश पांडेय ने कहा, “रेलवे कर्मचारी देश की जीवनरेखा चला रहे हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें केवल निराशा मिल रही है। हजारों करोड़ के मुनाफे के बावजूद, कर्मचारियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा।” संघ ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही रनिंग स्टाफ की मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो कर्मचारी संघ एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगा। अभी तो यह केवल सांकेतिक विरोध है, अगली बार रेल पटरी पर विरोध भी हो सकता है।
रेल प्रशासन की ओर से इस विरोध पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन कर्मचारियों की बढ़ती नाराजगी साफ संकेत दे रही है कि अब मामला लंबा खिंच सकता है।
