भोपाल | उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्य प्रदेश स्वास्थ्य, अधोसंरचना, उद्योग और शिक्षा सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में तीव्र गति से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अब देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में अग्रणी स्थान पर पहुंच चुका है।शुक्ल मंगलवार को भोपाल स्थित एक निजी होटल में आयोजित एमपी तक के विशेष कार्यक्रम ‘बैठक’ में शामिल हुए। उन्होंने प्रदेश के समग्र विकास, स्वास्थ्य व्यवस्था के सशक्तीकरण, विंध्य क्षेत्र की प्रगति और निवेश के बढ़ते अवसरों पर विस्तार से बातचीत की।
स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2003 तक प्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 17 हो चुके हैं। इस वर्ष दो और मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत हो रही है, जबकि अगले वर्ष छह नए कॉलेज प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निजी क्षेत्र को भी चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं हर नागरिक तक पहुँच सकें।
ग्रामीणों को मिले सुविधा
उन्होंने बताया कि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में टेलीमेडिसिन सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह गाँवों तक पहुँच रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को फर्स्ट रेफरल यूनिट के रूप में उन्नत किया जा रहा है, ताकि ग्रामीणों को बार-बार जिला अस्पताल न जाना पड़े।
शुक्ल ने कहा कि प्राथमिक से लेकर तृतीयक स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक तकनीकों और उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि नागरिकों को उनके नजदीक ही बेहतर इलाज मिल सके।
संवेदनशील सोच का परिणाम
एयर एम्बुलेंस सेवा को आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं में एक बड़ी पहल बताते हुए उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री मोहन यादव की संवेदनशील सोच का परिणाम है। अंगदान और देहदान को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि अंगदाताओं और देहदाताओं को गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी जाएगी और उनके परिजनों को स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय आयोजनों में सम्मानित किया जाएगा।
हमेशा रही संभावनाएं
विंध्य क्षेत्र के विकास पर बोलते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में प्राकृतिक संपदा और संभावनाएं हमेशा रही हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते संसाधनों का समुचित दोहन हुआ है। चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन, उद्योग और अधोसंरचना जैसे क्षेत्रों में सशक्त प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में विंध्य भारत के सबसे विकसित क्षेत्रों में शामिल हो। इसके लिए योजनाबद्ध और सतत प्रयास जारी हैं।
