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मोहन सरकार की चुप्पी मिलीभगत का संकेत, कांग्रेस गांव-गांव आंदोलन करेगी

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Published On: 10 July 2025

भोपाल | मध्यप्रदेश में खरीफ सीजन की शुरुआत संकटों से घिर गई है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर डीएपी और उर्वरकों की किल्लत, अमानक खाद और नकली बीजों की खुली बिक्री को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि किसानों के साथ यह सिर्फ कुप्रबंधन नहीं, बल्कि सुनियोजित धोखा है। मोहन सरकार और केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को बाजारू तंत्र के हवाले कर दिया है।

चरम पर ब्लैक मार्केटिंग

नायक ने बताया कि खरीफ 2025 के लिए जून तक प्रदेश को 6.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत थी, जबकि अब तक केवल 4.1 लाख मीट्रिक टन की ही आपूर्ति हुई है, यानी 28% की सीधी कमी। हरदा, नर्मदापुरम, विदिशा, सीहोर, दमोह, रीवा, छतरपुर और सागर समेत कई जिलों में किसान 10 से 12 घंटे कतार में खड़े रहकर भी खाली हाथ लौट रहे हैं।

सरकारी समितियों में डीएपी नहीं मिल रही, लेकिन 1350 की तय दर वाली डीएपी ब्लैक मार्केट में 1700 से 2000 प्रति बोरी तक बिक रही है। नायक ने आरोप लगाया कि कई स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी में यह कालाबाज़ारी हो रही है, जिससे खाद माफिया और सरकार के गठजोड़ की बू आती है।

नकली बीज से तबाह हो रही फसलें

कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले दो महीनों में 1,100 से अधिक शिकायतें सिर्फ नकली और अमानक बीजों के कारण अंकुरण विफल होने की सामने आई हैं। नकली कीटनाशक और खाद के कारण फसलें पीली पड़ रही हैं या जल रही हैं। किसानों को हर बार सिर्फ सर्वे और मुआवज़े का झुनझुना थमा दिया जाता है।

प्रदेश सरकार की चुप्पी

नायक ने केंद्र के कृषि मंत्री के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा, “जब स्वयं कृषि मंत्री कह रहे हैं कि नकली खाद और बीज का संकट गहरा है और इसके लिए कठोर कानून बनाए जाएंगे, तो यह प्रदेश सरकार की विफलता की सीधी स्वीकारोक्ति है।” उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की चुप्पी क्या इस पूरी मिलीभगत का संकेत नहीं है?

कांग्रेस की 5 मांगें

  • खाद और बीज की पारदर्शी आपूर्ति व ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली लागू की जाए।
  • ब्लैक मार्केटिंग और नकली उत्पाद बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई हो और उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं।
  • नकली बीज और अमानक खाद से नुकसान झेलने वाले किसानों को तत्काल मुआवज़ा मिले।
  • सहकारी समितियों की वितरण प्रक्रिया डिजिटल और किसान अनुकूल बनाई जाए।
  • हर जिले में खाद और बीज के नमूनों की अनिवार्य गुणवत्ता जांच की व्यवस्था हो।

कांग्रेस की चेतावनी

मुकेश नायक ने कहा कि यदि सरकार ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई नहीं की तो कांग्रेस गांव-गांव जाकर आंदोलन करेगी। कृषि उपज मंडियों से लेकर जिला मुख्यालयों तक हल्ला बोल किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जब अन्नदाता खाद, बीज, पानी और न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित हो जाए, तो यह केवल नीति की विफलता नहीं, बल्कि सत्ता का पाप है।”

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