भोपाल | राजधानी भोपाल में सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) देश की डिजिटल क्रांति का अहम हिस्सा बन चुके हैं। ये न केवल नागरिकों को सरकारी सेवाएं आसानी से उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि ग्रामीण और कस्बाई युवाओं को स्वरोजगार का साधन भी दे रहे हैं। आज भारत डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में दुनिया में नम्बर एक पर है, और इसमें सीएससी की बड़ी भूमिका है।
मंत्री सारंग आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में आयोजित सीएससी दिवस कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने डिजिटल पारदर्शिता की दिशा में जो कदम बढ़ाए हैं, उनमें सीएससी एक मजबूत कड़ी साबित हुए हैं।
मंत्री ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि हर नागरिक में ईमानदारी और कर्तव्यबोध की भावना होती है, जरूरत है उसे जागृत करने की। बीएलई के व्यवहार और कार्यशैली से ही व्यवस्था का स्वरूप बनता है। आम लोगों के लिए बीएलई की सेवाएं सिर्फ एक डिजिटल सुविधा नहीं, बल्कि एक भरोसे का माध्यम भी हैं, जिससे उन्हें सेवाओं के साथ-साथ दुआएं भी मिलती हैं।
सीएससी दिवस समारोह
📍आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी, भोपाल pic.twitter.com/tq1E2jrt3z— विश्वास कैलाश सारंग (@VishvasSarang) July 11, 2025
शिकायत व सुझाव
कार्यशाला में मंत्री सारंग ने सुझाव दिया कि सीएससी में शिकायत व्यवस्था को और सशक्त किया जाए और वर्ष में एक बार प्रदर्शन और व्यवहार के आधार पर बीएलई को सम्मानित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिनका व्यवहार उत्कृष्ट हो, उन्हें सार्वजनिक मंच पर सम्मान मिले, ताकि अन्य बीएलई भी प्रेरित हों।
उन्नयन पर ध्यान देने की अपील
सारंग ने बीएलई से अपने सेंटर की सफाई, नवाचार और उन्नयन पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सीएससी का सशक्त होना विकसित भारत की दिशा में बड़ा कदम है। कार्यक्रम में सीएससी पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। इस अवसर पर सीएससी के राज्य प्रमुख अतुलित राय भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में उज्जैन, अशोकनगर, डिण्डोरी, दमोह, पन्ना, छिंदवाड़ा से एक-एक तथा छतरपुर, सिवनी, देवास से दो-दो बीएलई को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
