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राजगढ़ में कांग्रेस पर लगाए टिकट बिक्री के आरोप, हरदा लाठीचार्ज को बताया अंग्रेजी हुकूमत की तानाशाही

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Published On: 14 July 2025

राजगढ़ | कांग्रेस से हाल ही में निष्कासित किए गए पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने सोमवार को साफ कर दिया कि वे अब नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। राजगढ़ में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह पार्टी कांग्रेस की विचारधारा पर आधारित होगी, लेकिन कार्यकर्ताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। लक्ष्मण सिंह ने कहा, “मैं ऐसी कांग्रेस बनाऊंगा, जिसमें हर कार्यकर्ता की आवाज सुनी जाएगी। आज की कांग्रेस में न तो नेतृत्व बचा है और न ही दिशा। टिकटें पैसे लेकर दी जा रही हैं, जमीन से जुड़े नेता दरकिनार हो गए हैं।”

पूर्व सांसद ने दावा किया कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कई टिकटें बेचीं। “राजगढ़ सहित कई सीटों पर टिकट के लिए पैसे लिए गए। इस माहौल में ईमानदार कार्यकर्ता कहां टिकेगा?” उन्होंने कहा कि टिकट बिक्री के सबूत जल्द मीडिया के सामने लाएंगे।

‘कांग्रेस में थोपे जाते हैं निर्णय’

लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कांग्रेस में अब दिल्ली और भोपाल से थोपे गए फैसले होते हैं। “बाहर से आने वाले पर्यवेक्षक स्थानीय स्थिति को जाने बिना टिकट बांटते हैं, जिससे जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है।” प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे उनके भाई और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने तल्ख लहजे में कहा, “कौन कहता है राजगढ़ उनका है? न गुना हमारा है, न ग्वालियर सिंधिया का। हर इलाके पर पहला हक वहां की जनता का है।”

हरदा लाठीचार्ज को बताया

हरदा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर लक्ष्मण सिंह ने सरकार को आड़े हाथों लिया। बोले, “लोकतंत्र में संवाद पहले होता है, डंडा बाद में। यह वही सोच है जो अंग्रेजों की हुकूमत में दिखती थी। पुलिस का दुरुपयोग हो रहा है।”

वीडियो जारी कर दौरे की दी थी जानकारी

लक्ष्मण सिंह सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे राजगढ़ पहुंचे थे। उन्होंने एक दिन पहले सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर दौरे की जानकारी दी थी। वीडियो में उन्होंने कहा था, “पिछले 20 साल से कांग्रेस विपक्ष में है, क्योंकि उसने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की। मैं अब ऐसा संगठन बनाऊंगा, जहां कार्यकर्ता ही फैसले लेंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य कांग्रेस को कमजोर करना नहीं है, बल्कि एक नई सोच के साथ विकल्प खड़ा करना है। “भोपाल या दिल्ली से कोई आदेश नहीं आएंगे। जो होगा, कार्यकर्ता तय करेंगे।”

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