ज्योतिष | सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है। इस महीने के सोमवार को व्रत रखने का विशेष महत्व है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार का व्रत करने से सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है। इस पवित्र मास में सोमवार को रखा गया व्रत विशेष फल देने वाला होता है। सावन का तीसरा सोमवार में 28 जुलाई यानी आज है। यह दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ संयोग लेकर आया है।
तीसरे सोमवार का महत्व
शिव महापुराण के अनुसार, तीसरे सोमवार का महत्व खास है। एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि सावन के सोमवार में उपवास करने से क्या लाभ होता है। तब शिवजी ने कहा कि इस व्रत से भक्त को मनचाहा फल मिलता है। जो व्यक्ति मन, वचन और कर्म से शुद्ध होकर व्रत करता है, उसे धन, ऐश्वर्य, अच्छे स्वास्थ्य और जीवनसाथी का सुख मिलता है। कहा जाता है कि इसी दिन माता पार्वती ने कठोर तप कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इसलिए विवाह योग्य कन्याओं के लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी माना गया है।
“ओम नमः शिवाय” का 108 बार जाप है शुभ
सावन मास के तीसरे सोमवार को भगवान शिव की विशेष कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस दिन किया गया व्रत और जाप तुरंत फलदायक होता है। भक्त “ओम नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करते हैं, जो विशेष रूप से प्रभावी माना गया है। इस दिन चंद्रमा, शनि और बुध का सकारात्मक प्रभाव विशेष रूप से देखा जाता है, जिसके कारण मानसिक तनाव, ग्रह दोष और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन शिवभक्तों को शिवलिंग पर जल में मिश्री मिलाकर अभिषेक करने का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा करने से मानसिक शांति, ग्रहों का संतुलन और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होने की मान्यता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तीसरे सोमवार के व्रत और जाप से जीवन की बाधाएं शीघ्र दूर होती हैं और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है।
अविवाहित कन्याओं के लिए शुभ संयोग
सावन के तीसरे सोमवार का व्रत विशेष रूप से अविवाहित कन्याओं के लिए फलदायक माना जाता है। अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र, पुष्प और चावल अर्पित कर “ओम गौरीशंकराय नमः” मंत्र का जाप करने से योग्य वर की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। परिवारिक सुख-शांति और समृद्धि के लिए पूरे परिवार के साथ शिव उपासना करना शुभ माना गया है। शाम के समय दीपक जलाकर “रुद्राष्टक” या “शिव चालीसा” का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और धन की वृद्धि होती है।
सावन के तीसरे सोमवार की पूजा विधि
इस दिन की पूजा विशेष रूप से प्रेम, विवाह और संबंधों में सौहार्द स्थापित करने के लिए की जाती है, भोर होते ही ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर गंगाजल मिलाकर स्नान करें, जिससे मन-शरीर पवित्र होता है। पूजा स्थल साफ़-सुथरा रखें और हल्के (संभवत: नीले) वस्त्र पहनें, क्योंकि यह रंग शिव-पार्वती और मानसिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गन्ने की चीनी) से अभिषेक करें, एवं फिर गंगाजल से शुद्धिकरण करें।
इस दौरान “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ महादेवाय नमः” जैसे मंत्र 108 बार या जितनी श्रद्धा से हो, जपें, उसके बाद बेलपत्र (3 पत्ते), सफेद पुष्प, गुलाब की पंखुड़ियाँ, पान की पत्तियाँ, मिश्री, केवड़ा जल, धतूरा या चंदन चूर्ण आदि अर्पित करें। नंदी बाबा को गुड़-चना अर्पित करने से संबंध में मिठास बनी रहती है।
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है.
