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महाकालेश्वर मंदिर में फिर टूटे नियम, पुंडरीक गोस्वामी का गर्भगृह में प्रवेश; सोशल मीडिया पर उठा सवाल

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Published On: 5 August 2025

उज्जैन | सावन के चौथे सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मंदिर के गर्भगृह में कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी द्वारा पूजन करने का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर मंदिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। इससे पहले दूसरे सोमवार को विधायक गोलू शुक्ला और उनके बेटे के गर्भगृह में प्रवेश का मामला चर्चा में था, जो अब तक थमा भी नहीं था।

मंदिर प्रबंधन के नियमों के अनुसार, आम श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित है। इसके बावजूद, लगातार कुछ विशेष लोगों को यह अनुमति मिल रही है। सोमवार 4 अगस्त को जब पूरा मंदिर परिसर सावन के अंतिम सोमवार की भीड़ से खचाखच भरा था, तभी सुबह करीब 8:30 बजे पुंडरीक गोस्वामी दो अन्य लोगों के साथ सीधे गर्भगृह पहुंचे और पूजन किया।

वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में गोस्वामी गर्भगृह के अंदर पूजा करते नजर आ रहे हैं। साथ ही कुछ महिलाएं और मंदिर कर्मचारी भी वहां मौजूद दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के वायरल होते ही सवाल उठने लगे, क्या पुंडरीक गोस्वामी को नियमानुसार लिखित अनुमति दी गई थी?

मंदिर प्रशासक ने कही ये बात

इस पर मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक का कहना है कि पुंडरीक गोस्वामी संत हैं, इसलिए उन्हें नियमानुसार गर्भगृह में प्रवेश दिया गया। हालांकि, यह तर्क कई लोगों को संतोषजनक नहीं लगा। सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा है कि जब नियम आम श्रद्धालुओं के लिए इतने सख्त हैं, तो संतों और कथावाचकों के लिए ये कैसे अचानक लचीले हो जाते हैं?

श्रद्धालुओं के बीच असंतोष

यह कोई पहली बार नहीं है जब महाकाल मंदिर प्रशासन इस तरह की स्थिति में घिरा हो। दो साल पहले कथावाचक प्रदीप मिश्रा के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ था। तब भी प्रशासन ने उन्हें बिना किसी सरकारी प्रोटोकॉल के अंदर जाने दिया था और बाद में गोलमोल जवाब देकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। महाकाल मंदिर की गरिमा और व्यवस्था को लेकर जिस तरह बार-बार नियमों की अनदेखी हो रही है, उससे आम श्रद्धालुओं के बीच असंतोष गहराता जा रहा है। अब देखना यह है कि मंदिर प्रबंधन इस बार क्या स्पष्टीकरण देता है?

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