ज्योतिष | सावन का अंतिम प्रदोष व्रत आज रखा जाएगा। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इसे पूरे विधि-विधान के साथ शिवलिंग की पूजा कर मनाया जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन केवल जल और बेलपत्र अर्पित करने मात्र से जीवन की अनेक परेशानियां दूर हो जाती हैं। विशेषकर महादेव के प्रिय माह सावन की त्रयोदशी तिथि पर इस व्रत का महत्व और बढ़ जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि सावन में प्रदोष व्रत रखने से जीवन की बाधाएं, ऋण, रोग और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इस वर्ष सावन का अंतिम प्रदोष व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का उत्तम अवसर माना जा रहा है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा कर भगवान शिव को प्रसन्न करने से हर मनोकामना पूर्ण हो सकती है।
आज सावन का अंतिम प्रदोष व्रत हैं ।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के आखिरी प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि इस दिन कुछ खास उपाय करने से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है और जीवन में शनि के बुरे प्रभावों से राहत भी मिल सकती है।
पूजा का शुभ समय
इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ समय शाम 7:08 बजे से रात 9:16 बजे तक रहेगा। श्रद्धालुओं को इस समय में विधिवत पूजन, जलाभिषेक और मंत्र जाप करना अत्यंत फलदायी माना गया है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
- शिवलिंग पर गंगाजल या कच्चा दूध चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। यह भगवान शिव को प्रसन्न करता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
- शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है। एक ही बेलपत्र अर्पित करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
- इस दिन “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जप करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- संध्या के समय शिव मंदिर में दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- व्रत के दौरान शिव का ध्यान और भजन-कीर्तन करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
- शमी वृक्ष को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। प्रदोष व्रत पर शमी के पत्तों का अर्पण कार्यों में सफलता, बाधाओं से मुक्ति और धन-समृद्धि का आशीर्वाद देता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विशेष उपाय करने से भगवान शिव को प्रसन्न करने के साथ-साथ शनि के बुरे प्रभावों से भी राहत मिल सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह समय मेष, कुंभ और मीन राशि पर लाभकारी होने वाला है। ऐसे में शिव जी की कृपा दृष्टि पाने और शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए यह अंतिम प्रदोष व्रत खास अवसर माना जा रहा है।
मेष राशि
सावन का अंतिम प्रदोष व्रत का मेष राशि पर विशेष रूप से शुभ प्रभाव देखा जाता है। इस व्रत के दिन भगवान शिव की आराधना करने से मेष राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। करियर और व्यापार से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं तथा आर्थिक स्थिति में सुधार होने की संभावना रहती है। यह व्रत मेष राशि के लोगों के लिए सफलता और उन्नति के मार्ग खोलने वाला माना जाता है।
कुंभ राशि
सावन का अंतिम प्रदोष व्रत कुंभ राशि वालों के लिए विशेष शुभ संकेत लेकर आया है। इस दिन किया गया शिव पूजन और व्रत इनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला साबित हो सकता है। विशेष रूप से आर्थिक लाभ और रुके हुए कार्यों में प्रगति के योग बन रहे हैं। स्वास्थ्य के मामलों में राहत मिलने के संकेत हैं और लंबे समय से चली आ रही परेशानियों का समाधान संभव है।भगवान शिव की कृपा से इस अवधि में कुंभ राशि वालों को मानसिक शांति और नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
मीन राशि
सावन का अंतिम प्रदोष व्रत मीन राशि के जातकों के लिए सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होने की संभावना है, जिससे रुके हुए कार्यों में प्रगति के संकेत मिल सकते हैं। करियर में नई संभावनाएं मिल सकती हैं और आर्थिक स्थिति भी सुधरने की संभावना है। परिवार में खुशहाली बढ़ेगी और आपसी संबंधों में मधुरता आएगी। प्रदोष व्रत का विधिवत पालन करने और भगवान शिव की आराधना से मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है।
