भोपाल | राजधानी भोपाल के जगदीशपुर (इस्लामनगर) इलाके में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। ऑपरेशन “क्रिस्टल ब्रेक” के तहत की गई इस छापामारी में 61.2 किलो मेफेड्रोन (MD) बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 92 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
डीआरआई ने दी ये जानकारी
डीआरआई ने बताया कि फैक्ट्री से 541.53 किलो केमिकल और कच्चा माल भी बरामद हुआ। कार्रवाई के दौरान सात आरोपी गिरफ्तार हुए, जिनमें मेफेड्रोन बनाने वाला केमिस्ट, यूपी के बस्ती का कार्टेल सदस्य और मुंबई-सूरत के सप्लायर शामिल हैं। यह गिरोह हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन कर ड्रग्स सिंडिकेट को संचालित कर रहा था।
ऑपरेशन में सूरत और मुंबई पुलिस ने भी डीआरआई का साथ दिया। जांच में सामने आया कि आरोपी विदेशी ड्रग सरगना के इशारे पर काम कर रहे थे। फैक्ट्री को चारों ओर से ढककर गुप्त रूप से संचालित किया जा रहा था।
कांग्रेस का पक्ष
कांग्रेस ने इस घटना को प्रदेश सरकार की विफलता करार दिया। पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार में राजधानी के भीतर करोड़ों रुपये की नशे की फैक्ट्री संचालित हो रही थी और राज्य की पुलिस व खुफिया तंत्र हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे।
भाजपा सरकार में राजधानी में ही नशे की फैक्ट्री चल रही थी! एक बार फिर एक बाहरी एजेंसी ने छापामारी कर इसका भांडाफोड़ किया!
👉 मध्यप्रदेश की पुलिस और इसका खुफिया तंत्र बैठे रह जाते हैं और बाहरी एजेंसियां कार्रवाई करती हैं!
👉 आखिरकार मध्य प्रदेश नशे की फैक्ट्रियों का गढ़ किसकी शह… pic.twitter.com/f5eSBwW5gF
— MP Congress (@INCMP) August 19, 2025
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि आखिर मध्यप्रदेश नशे की फैक्ट्रियों का अड्डा किसकी शह पर बन रहा है और मुख्यमंत्री अपने गृह मंत्री से यह क्यों नहीं पूछते कि प्रदेश में ड्रग्स के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई इतनी कमजोर क्यों है।
