दिवाली से पहले उपभोक्ताओं को मिला तोहफा, GST में होगा बड़ा बदलाव; आम जनता को मिलेगी राहत

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Published On: 28 August 2025

देश | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में GST सुधारों की घोषणा की थी और संकेत दिया था कि ये बदलाव दिवाली से पहले लागू किए जा सकते हैं। अब जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक अगले सप्ताह होने वाली है, जिसमें कर ढांचे को सरल बनाने और स्लैब में संभावित बदलाव पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक से पहले ही सरकार कुछ अहम निर्णयों पर सहमति बना सकती है, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में जीएसटी सुधारों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने और करदाताओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जीएसटी स्लैब में बदलाव किए जाएंगे।

रोटी-पराठा होगा जीएसटी मुक्त

सरकार जीएसटी ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इसमें रेडी-टू-ईट रोटी और पराठे को जीरो जीएसटी स्लैब में शामिल करने का प्रस्ताव है। फिलहाल पराठे पर 18% जीएसटी लागू होता है, लेकिन मंत्रियों के समूह की सिफारिश है कि इसे भी जीरो स्लैब में लाया जाए। इसके साथ ही, शिक्षा से जुड़े सामानों पर भी टैक्स घटाकर शून्य करने की संभावना जताई जा रही है, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिल सकता है।

शिक्षा सामग्री पर टैक्स खत्म

जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक में शिक्षा से जुड़े कई सामानों को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त करने पर विचार किया जाएगा। फिलहाल इन पर 12% टैक्स लगता है, लेकिन प्रस्ताव के अनुसार मानचित्र, वॉटर सर्वे चार्ट, एटलस, दीवार मानचित्र, ग्लोब, मुद्रित शैक्षिक चार्ट, पेंसिल-शार्पनर, प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक और लैबोरेटरी नोटबुक जैसे शैक्षणिक सामग्रियों को जीरो स्लैब में लाने की तैयारी की जा रही है।

छूट से मिली बड़ी राहत

मंत्रिमंडलीय समूह ने हैंडलूम उत्पादों और कच्चे रेशम पर जीएसटी छूट जारी रखने की सिफारिश की है, जिससे देश के कारीगरों और छोटे बुनकरों को बड़ी राहत मिलेगी। पहले इन पर 5% जीएसटी लगाने का विचार किया गया था, लेकिन अब इसे जारी छूट में ही रखने का सुझाव दिया गया है। वहीं, फिटमेंट समिति ने मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मशरूम, खजूर, मेवे और नमकीन जैसे रोज़मर्रा से जुड़े उत्पादों को मौजूदा 12% जीएसटी स्लैब से हटाकर 5% स्लैब में लाने का प्रस्ताव दिया है, जिससे आम उपभोक्ताओं को भी फायदा मिल सकता है।

आम जनता को मिलेगी राहत

अधिकारियों के मुताबिक, सरकार जीएसटी स्लैब की संख्या घटाकर और विवादित श्रेणियों को स्पष्ट कर अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को सरल और युक्तिसंगत बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसी क्रम में जीरो जीएसटी स्लैब का दायरा बढ़ाने की सिफारिश की गई है, जिससे आम परिवारों और छात्रों को सीधी राहत मिलने की उम्मीद है। इन सिफारिशों पर अंतिम फैसला 3-4 सितंबर को दिल्ली में होने वाली 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा।

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