विश्व | भारत सरकार ने अमेरिका के लिए सभी प्रकार की डाक सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने का बड़ा फैसला लिया है। डाक विभाग के अनुसार, यह कदम अमेरिकी एयरलाइंस द्वारा डाक सामग्री ले जाने में असमर्थता और नियामक प्रक्रियाओं में स्पष्टता की कमी के कारण उठाया गया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और शुल्क से जुड़े मुद्दों पर तनाव बढ़ रहा है।
भारत सरकार ने अमेरिका के लिए सभी प्रकार की डाक सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों और शुल्क संबंधी मुद्दों को लेकर तनाव बढ़ रहा है।
अमेरिका के लिए सभी डाक सेवाएं बंद
भारत सरकार ने अमेरिका के नए डाक नियमों और दोनों देशों के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने अस्थायी रूप से अमेरिका के लिए सभी डाक सेवाओं को बंद कर दिया है। डाक विभाग ने लोगों और ई-कॉमर्स कंपनियों से अपील की है कि वे फिलहाल अमेरिका को कोई भी पार्सल या दस्तावेज न भेजें और अगले निर्देशों का इंतजार करें। इस कदम का सीधा असर व्यापार, ऑनलाइन खरीदारी और निजी पार्सल भेजने वालों पर पड़ेगा, जिसे भारत सरकार अमेरिकी नियमों के जवाब में अपनी व्यापारिक स्थिति को मजबूत करने के तौर पर देखा जा रहा है।
भारतीय निर्यातकों की बढ़ी चिंता
अमेरिका ने हाल ही में एक नया कार्यकारी आदेश जारी किया है, जिसके तहत 29 अगस्त 2025 से 800 डॉलर तक की वस्तुओं पर मिलने वाली शुल्क-मुक्त सुविधा खत्म कर दी गई है। इस बदलाव के बाद अब भारत से अमेरिका भेजी जाने वाली हर डाक सामग्री पर कस्टम ड्यूटी लगेगी। इसका असर खासतौर पर उन वस्तुओं पर पड़ेगा, जिनमें कपड़े, आभूषण, हस्तशिल्प और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं। इससे न सिर्फ कारोबारियों बल्कि आम लोगों की जेब पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
व्यापार पर पड़ा असर
अमेरिका के नए नियमों और एयरलाइन्स की असमर्थता के कारण भारत से अमेरिका के लिए डाक सेवाओं पर बड़ा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से करीब एक महीने तक डाक सेवाओं में रुकावट बनी रह सकती है। दरअसल, अमेरिकी एयरलाइन कंपनियों ने 25 अगस्त से भारत से जाने वाली किसी भी डाक सामग्री को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते डाक विभाग को सेवाएं अस्थायी रूप से रोकनी पड़ी हैं।