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बीजेपी दफ्तर में किसानों का हंगामा, एमपीआरडीसी मुर्दाबाद के नारे

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Published On: 2 September 2025

भोपाल | राजधानी भोपाल में सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष का दौरा राजनीतिक हलचल से भरा रहा। दिनभर बंद कमरों में मंत्रियों, विधायकों और नेताओं से फीडबैक लेने के बीच अचानक पार्टी दफ्तर पर किसानों का जमावड़ा हो गया। ये किसान उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड हाईवे प्रोजेक्ट से नाराज थे और सीधे बी.एल. संतोष से मिलने पहुंचे थे। करीब 50 किसानों ने बीजेपी ऑफिस में घुसकर ‘एमपीआरडीसी मुर्दाबाद’ और ‘किसान एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाए । दरअसल, किसान चाहते थे कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री से सीधी बात हो, लेकिन मुलाकात का मौका नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी।

हालांकि बीजेपी पदाधिकारियों ने किसानों को शांत करने की कोशिश की। प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कहा कि जब प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से चर्चा हो चुकी है, तो पार्टी ऑफिस में नारेबाजी सही नहीं है।

क्यों भड़के किसान?

उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को लेकर किसानों में लगातार गुस्सा बढ़ रहा है। उनका कहना है कि वे सड़क निर्माण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इसका डिज़ाइन और मुआवजे का तरीका पूरी तरह गलत है। किसान नेता जितेंद्र पाटीदार बोले, “हमें 16 फीट ऊंचे एक्सप्रेसवे से दिक्कत है। इससे खेतों की प्राकृतिक संरचना बिगड़ेगी, रोजगार पर असर पड़ेगा। हम चाहते हैं कि सड़क जमीन के समतल स्तर पर बने। दिल्ली-मुंबई हाईवे की तर्ज पर यहां प्रोजेक्ट लागू करना गलत है।”

एक और किसान मुकेश धानक ने कहा कि हम विधायक, सांसद से लेकर कलेक्टर और एमपीआरडीसी तक सबको अपनी समस्या बता चुके हैं। अब प्रदेश अध्यक्ष से भी मिल लिए, लेकिन हल नहीं निकला। अगर बात नहीं सुनी गई, तो हमें धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा। किसानों का दावा है कि इस प्रोजेक्ट से 62 गांव प्रभावित हो रहे हैं। उनकी मांग है कि जमीन का उचित मुआवजा मिले और तकनीकी बदलाव किए जाएं।

बी.एल. संतोष का शेड्यूल

दूसरी तरफ, बीजेपी ऑफिस में सोमवार का दिन काफी व्यस्त रहा। बी.एल. संतोष ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की। फिर संगठन और संघ नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठकों का सिलसिला चला। सेवा पखवाड़े की समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने नरोत्तम मिश्रा, रीति पाठक और वीडी शर्मा जैसे नेताओं से भी अलग-अलग चर्चा की। आरएसएस और किसान संघ के पदाधिकारियों के साथ बातचीत में भी उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर चर्चा की गई।

इंतजार में रह गए नेता

दिलचस्प यह रहा कि सिर्फ किसान ही नहीं, कई नेता भी संतोष से मिलने पहुंचे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। आलोट विधायक चिंतामणि मालवीय करीब 40 मिनट इंतजार करते रहे, शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे दस्तावेज लेकर आए थे, लेकिन उन्हें भी समय नहीं मिला।

छिंदवाड़ा सांसद बंटी साहू, शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन, मंत्री दिलीप जायसवाल और पशुपालन मंत्री लखन पटेल भी ऑफिस पहुंचे, मगर बी.एल. संतोष से मुलाकात नहीं कर पाए।

किसानों की चेतावनी

उज्जैन के किसानों ने साफ कहा है कि मुख्यमंत्री उनके गृह जिले से हैं, फिर भी अब तक उनसे मुलाकात का समय नहीं मिल पाया। किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें अनसुनी रहीं, तो आने वाले दिनों में वे बड़ा आंदोलन करेंगे।

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