भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, विष्णु पूजा और गणेशोत्सव के समापन का विशेष दिन

Author Picture
Published On: 6 September 2025

हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही यह दिन विशेष इसलिए भी होता है क्योंकि गणेशोत्सव का समापन इसी दिन होता है और श्रद्धालु गणपति बप्पा का विसर्जन करते हैं। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर को मनाई जाएगी। विशेष रूप से अनंत चतुर्दशी पर 14 दीपक जलाने की परंपरा है, जिसे शुभ फलदायी माना जाता है।

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। इस तिथि को कई स्थानों पर चौदस के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धाभाव से पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।

मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी

हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत और पूजा करने से सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। खास बात यह भी है कि इस दिन गणेशोत्सव का समापन होता है और श्रद्धालु गणपति बप्पा का विसर्जन भी बड़े धूमधाम से करते हैं। इस वजह से यह दिन आस्था और उत्साह से भरा एक विशेष पर्व माना जाता है।

महत्व

अनंत चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। साथ ही यह दिन गणेशोत्सव का अंतिम दिन भी होता है, जब दस दिनों तक चलने वाले उत्सव के बाद भक्तगण गणपति बप्पा का विसर्जन करते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत करने और भगवान विष्णु को अनंत सूत्र अर्पित करने का विशेष महत्व बताया गया है।

शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3 बजकर 12 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 7 सितंबर को देर रात 1 बजकर 41 मिनट पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए इस बार अनंत चतुर्दशी का पर्व शनिवार, 6 सितंबर को ही मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और गणपति की पूजा-अर्चना के लिए विशेष मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं, जिनमें श्रद्धालु नियम और परंपरा के अनुसार पूजा कर सकते हैं।

इस तरह जलाएं दीपक

  • अनंत चतुर्दशी के दिन प्रदोष काल में दीपक जलाने का विशेष महत्व माना गया है।
  • मान्यता है कि इस दिन यदि साधक 14 दीपक जलाता है, तो उसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है,घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
  • इसके लिए मिट्टी या पीतल के 14 दीपक लेकर उन्हें अच्छी तरह साफ करें और उनमें गाय के घी या सरसों के तेल का प्रयोग करें।
  • इसके बाद प्रदोष काल में दीपक जलाकर घर के 14 अलग-अलग स्थानों पर स्थापित करें।
  • ऐसा करने से जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

14 दीपक जलाना शुभ

  • अनंत चतुर्दशी के दिन दीपक जलाने का विशेष महत्व बताया गया है।
  • मान्यता है कि घर के अलग-अलग स्थानों पर दीपक रखने से सुख-समृद्धि, शांति और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • इस दिन दीपक पूजा घर में, रसोई घर में, तुलसी के पास, मुख्य द्वार पर, तिजोरी या धन स्थान के पास, पानी के नल के पास तथा घर के चारों कोनों में लगाए जाते हैं।
  • इसके अलावा एक दीपक छत पर, एक घर के बाहर पितरों के लिए, एक घर की सीढ़ियों पर और एक आंगन में जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp